Viksit Bharat: 2040 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर उतरेगा- केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

Viksit Bharat:  बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘‘2040 में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद की सतह पर उतरेगा।’’ सिंह ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) यात्रा पर सदन में चर्चा के दौरान ये टिप्पणी की।

सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर से शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री – 2047 तक विकसित भारत के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका’ विषय पर विशेष चर्चा शुरू कराई।

बिरला ने कहा, ‘‘उनकी (शुभांशु शुक्ला की) अंतरिक्ष यात्रा और सफल वापसी केवल एक मिशन की सफलता नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।’’ विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी के बीच, विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा, ‘‘एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री 2040 में चांद की सतह पर उतरेगा।’’

उन्होंने कहा कि इससे 2047 तक विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प की सिद्धि होगी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्य मंत्री सिंह ने ये भी कहा कि भारत 2026 में रोबोट ‘व्योममित्र’ के साथ एक मानवरहित अंतरिक्ष मिशन शुरू करेगा, जिसके बाद 2027 में गगनयान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और देश 2035 में अपना ‘भारत अंतरिक्ष स्टेशन’ स्थापित करेगा।

उन्होंने इस दौरान शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये कहते हुए बहुत पीड़ा महसूस हो रही है कि जब मुल्क में जश्न का माहौल है और देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियों का उत्सव मना रहा है, विपक्ष अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को भी बधाई देने को तैयार नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपकी नाराजगी सरकार के साथ हो सकती है। बीजेपी और एनडीए के साथ हो सकती है। लेकिन हैरत है कि आपकी नाराजगी एक अंतरिक्ष यात्री, गगनयान यात्री के प्रति भी है।’’

सिंह ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘आप धरती से नाराज हैं, आकाश से भी नाराज हैं और आज अंतरिक्ष से भी नाराज दिख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष का प्रदर्शन अपने प्रति नाराजगी का इजहार है, क्योंकि वो अपने हर मंसूबे में नाकाम है। उनकी कोई बात नहीं बन पा रही। एक चिकित्सक होने के नाते मैं (विपक्ष की) ये मन: स्थिति समझ सकता हूं। ये नाराजगी उस समय होती है, जब व्यक्ति हताश होता है। और ये नाराजगी किसी और से नहीं, अपने आप से होती है।’’

मंत्री ने शुभांशु शुक्ला के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां किये गए प्रयोगों में ‘‘स्वदेश विकसित किट’’ इस्तेमाल की गई और आत्मनिर्भर भारत के मंत्र का पालन इन्हीं प्रयोगों से हुआ। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रा के बाद कल (रविवार को) ही शुभांशु का राष्ट्रीय राजधानी में आगमन हुआ और कुछ समय पहले ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंतरिक्ष में भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन देखकर सारे विश्व ने भारत का लोहा माना।

उन्होंने एनडीएस सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अंतरिक्ष विभाग की जो भूमिका रही है, उसके लिए प्रौद्योगिकी पिछले 10 साल में विकसित की गई। मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सवाल पूछा जाएगा कि ऐसा क्या कारण था कि 50 से 60 साल तक हमारा अंतरिक्ष विभाग सुस्त रफ्तार में काम करता रहा। उन्होंने कहा कि 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने के बाद, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पहले ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है और अगले दशक में 45 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी।

सिंह ने कहा कि सरकार ने शुक्ला की आईएसएस यात्रा पर 548 करोड़ रुपये खर्च किए, जो दुनिया भर में किये गए किसी अन्य मिशन की तुलना में बहुत कम राशि थी। उन्होंने कहा कि ‘एक्सिओम-4’ मिशन से मिली सीख गगनयान मिशन से निकटता से जुड़ी हुई है।

इससे पहले, लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ये हमारे लिए गर्व और उत्साह का पल है। सदन भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का भारत की धरती पर हार्दिक अभिनंदन करता है।’’ बिरला ने सदस्यों से अंतरिक्ष कार्यक्रम, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उपलब्धियों और भावी संभावनाओं पर अपने विचार भी व्यक्त करने का आग्रह किया। मंत्री द्वारा चर्चा की शुरूआत करने और अपनी बात पूरी करने के बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने करीब ढाई बजे कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

 

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