Vice President: RSS स्वयंसेवक और कई राज्यों के राज्यपाल रहे राधाकृष्णन बने NDA की पहली पंसद

Vice President:  उप-राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पहली पसंद बने महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (67) किशोरावस्था में ही आरएसएस और जनसंघ से जुड़ गए थे। वो 1990 के दशक के अंत में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीते और उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहते हैं।

राधाकृष्णन 1998 और 1999 में दो बार जीत के बाद तमिलनाडु के कोयंबटूर से लगातार तीन लोकसभा चुनाव हार गए। हालांकि, कहा जाता है कि तमिलनाडु में सभी दलों में उनका बहुत सम्मान है, जिसके परिणामस्वरूप बीजेपी ने उन्हें कई राज्यों का राज्यपाल बनाया।

एक ओबीसी नेता होने के नाते, उनकी उम्मीदवारी विपक्ष के एक प्रमुख राजनीतिक विमर्श को ‘‘निष्क्रिय’’ करने का भी प्रयास करती है। उन्होंने 31 जुलाई, 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली।

इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। झारखंड के राज्यपाल के रूप में, उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।

विभिन्न राज्यों में राज्यपाल पद संभालने के बाद भी, वह अक्सर तमिलनाडु का दौरा करते रहे हैं। अपने हालिया तमिलनाडु दौरे के दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में भाग लिया और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन से भी मुलाकात की थी।

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु के तिरुपुर में 20 अक्टूबर, 1957 को जन्मे राधाकृष्णन के पास व्यवसाय प्रबंधन में स्नातक की डिग्री है। 16 साल की उम्र में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। वर्ष 1996 में, राधाकृष्णन को भाजपा की तमिलनाडु इकाई का सचिव नियुक्त किया गया।

वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में वह फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य के रूप में कार्य किया।

साल 2004 से 2007 के बीच, राधाकृष्णन तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष रहे। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने 19,000 किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ की, जो 93 दिनों तक चली। एक उत्साही खिलाड़ी राधाकृष्णन टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि 2004 में डीएमके द्वारा एनडीए से संबंध खत्म करने के बाद तमिलनाडु में बीजेपी के लिए नया गठबंधन बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *