Srinagar: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे से दो दिन पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और उसके गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक श्रीनगर में शुरू हुई। इस बैठक का मकसद मौजूदा हालात पर चर्चा करना है। सरकार और राजभवन के बीच अनबन की बातें सामने आ रही हैं। बैठक मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई और इसमें पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हुए। ये बैठक उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के गुपकार आवास पर हुई।
जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सभी मंत्री और विधायक, साथ ही कांग्रेस के तीन विधायक, चीफ व्हिप निजामुद्दीन भट की अगुवाई में बैठक में शामिल हुए।
ये बैठक उस समय बुलाई गई है जब उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के 48 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। सरकार का मानना है कि ये फैसला जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून के खिलाफ है और बिना राज्य सरकार से सलाह लिए बिना किया गया है। इसी को लेकर राजभवन और अब्दुल्ला सरकार के बीच टकराव और बढ़ गया है।
कठुआ में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छह अप्रैल से तीन दिन के जम्मू कश्मीर दौरे पर जाएंगे। इस दौरान वे जम्मू और श्रीनगर में सुरक्षा की समीक्षा करेंगे। शाह के दौरे से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक हुई। इसमें सरकारी कामकाज में राजभवन के दखल को लेकर चर्चा की गई, बैठक में शामिल होने से पहले एनसी विधायक हिलाल अकबर लोन ने कहा कि “राजभवन चुनी हुई सरकार को नजरअंदाज कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि आगे ऐसे हालात फिर न बने, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को चिट्ठी लिखकर हाल ही में हुए तबादलों को वापस लेने की मांग की है, उन्होंने कहा कि ये फैसले लेने का अधिकार सिर्फ चुनी हुई सरकार को है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उनके आदेश चुनी हुई सरकार के अधिकार और कामकाज को कमजोर कर रहे हैं। अब्दुल्ला ने ये मुद्दा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने भी उठाया और कहा कि एलजी के लगातार फैसलों, खासकर अफसरों के तबादलों से उनकी सरकार की भूमिका कमजोर हो रही है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अतुल डुल्लू को निर्देश दिया है कि जब तक उनकी मंजूरी न मिले, तब तक किसी भी गैर-ऑल इंडिया सर्विस अफसर का तबादला या पोस्टिंग न की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जेकेएएस के 48 अफसरों के हाल ही में जारी किए गए तबादला आदेशों पर अभी रोक लगाई जाए, कांग्रेस ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के 48 अफसरों के तबादलों के फैसले की आलोचना की है।
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि एलजी को पहले नियमों की मंजूरी का इंतजार करना चाहिए था, उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से लोगों का प्रशासन पर भरोसा कम हो सकता है और सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचता है।