Shivraj Patil: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन हो गया, उन्होंने लातूर में 90 साल की आयु में अंतिम सांस ली, पाटिल लंबे से बीमार चल रहे थे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने आज सुबह महाराष्ट्र के लातूर में अंतिम सांस ली। शिवराज पाटिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते उनका घर पर ही इलाज किया जा रहा था। उनका पूरा नाम शिवराज पाटिल चाकुरकर था। उन्होंने लोकसभा के सभापति और विभिन्न केंद्रीय मंत्री के पद की जिम्मेदारी संभाली है।
उनके परिवार में उनके बेटे शैलेश पाटिल, बहू अर्चना, जिन्होंने पिछले साल लातूर शहर से कांग्रेस के अमित देशमुख के खिलाफ BJP के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था, और दो पोतियां हैं।
देश के गृह मंत्री-
शिवराज पाटिल ने अपने राजनीतिक जीवन में कई पदों की कार्यभार संभाला, महाराष्ट्र से नाता रखने वाले शिवराज पाटिल मराठवाड़ा के लातूर से सांसद रह चुके हैं। वहीं लातूर की ग्रामीण सीट से उन्होंने साल 1973 से 1980 तक विधायक की भी जिम्मेदारी संभाली। साल 1980 के बाद उन्होंने लातूर लोकसभा सीट से चुनाव जीता और संसद पहुंचे। उन्होंने लातूर लोकसभा क्षेत्र से सात बार जीत दर्ज की थी, बता दें कि साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के वक्त शिवराज पाटिल ही देश के गृह मंत्री थे।
गृह मंत्रालय-
कई बड़े पदों को संभालाने वाले शिवराज पाटिल के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय संभालना थोड़ा संघर्षपूर्ण रहा। वह 22 मई 2004 से 30 नवंबर 2008 तक भारत के केंद्रीय गृह मंत्री रहे। ऐसे में पाटिल के समय में देश ने कई महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों का सामना किया। लेकिन 2008 में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद उनकी सुरक्षा नीतियों पर ढेरो सवाल उठने लगे।
हमला ही बड़ा था कि इसने पूरे देशभर को झकझोर कर रख दिया। सुरक्षा व्यवस्था में हुई इन खामियों के चलते पाटिल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इसके बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए शिवराज पाटिल ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के बाद भी देश के लिए सेवा और राजनीति में योगदान जारी रखा।
उनके निधन पर पीएम मोदी और कांग्रेस पार्टी के साथ ही देश की कई बड़ी हस्तियों ने दुख जताते हुए परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
बता दें कि शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्तूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर गांव में हुआ था। सरल और मेहनती परिवार के रहने वाले शिवराज पाटिल ने अपने जीनव की शुरुआत शिक्षा और कानून की पढ़ाई से की। इसके बाद धीरे‑धीरे उन्होंने राजनीति में कदम रखा। कदम भी वैसा कि जब भी भारत की राजनीति में मर्यादित भाव और आचरण का जिक्र होगा, शिवराज पाटिल का नाम सर्वप्रथम लिया जाएगा।
राजनीति जीवन-
बात अगर शिवराज पाटिल के राजनीति जीवन की शुरुआत की करें तो उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत स्थानीय राजनीति से की और लातूर नगरपालिकाध्यक्ष जैसे पदों पर काम किया। फिर लातूर की ग्रामीण सीट से उन्होंने साल 1973 से 1980 तक विधायक की भी जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद पहली बार 1980 में शिवराज पाटिल लोकसभा पहुंचे। वे सात बार लातूर लोकसभा सीट से सांसद रहे और 10 जुलाई 1991 से 22 मई 1996 तक उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। इतना ही नहीं पाटिल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।