Politics: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कर्नाटक में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट पर मंत्रिमंडल में विचार-विमर्श करेगी और उचित निर्णय लेगी।
सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट को ‘जाति जनगणना’ के नाम से जाना जाता है, राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने अब तक इसे नहीं देखा है।
खरगे ने कहा कि “यह राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है, हर राज्य अपना काम करता है। केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया। राज्य सरकार मंत्रिमंडल में चर्चा करेगी और निर्णय लेगी। मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है। मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है।” उन्होंने रिपोर्ट के विरोध के बारे में पूछे जाने पर कहा, “(विरोध) हो सकता है। मैंने अपनी राय साझा की है।”
जाति जनगणना पर विरोध के बीच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई में कर्नाटक सरकार की बैठक इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। कर्नाटक के दो प्रमुख समुदायों वोक्कालिगा और वीरशैव-लिंगायत समुदायों सहित अलग-अलग समुदायों के लोगों ने इस सर्वेक्षण (जाति जनगणना) को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे ‘अव्यवस्थित’ करार दिया है।
समुदायों ने इस सर्वेक्षण को खारिज कर नया सर्वेक्षण कराने की मांग की है, समाज के अलग-अलग वर्गों द्वारा भी जाति जनगणना सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई गई है और सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर भी इसके खिलाफ जोरदार आवाजें उठ रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “यह राज्य सरकार को तय करना है। हर राज्य अपने हिसाब से फैसला करता है, यह काम केंद्र सरकार ने नहीं किया। राज्य सरकार कैबिनेट में चर्चा करके फैसला करेगी। मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है, मामला राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है।”