Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता की प्रशंसा की और इस बात पर जोर दिया कि औरंगजेब जिसने खुद को आलमगीर कहा और जीवन भर महाराष्ट्र में मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, वो हारे हुए शख्स की मौत मरा और उसे इसी जमीन में दफनाया गया।
शाह ने रायगढ़ किले में शिवाजी महाराज को उनकी 345वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “धर्मवीर संभाजी महाराज, महारानी ताराबाई, धनोजी, संतोजी, शिवाजी के बाद औरंगजेब जब तक जिंदा रहा, उसके सामने लड़ते रहे, जूझते रहे। यहां तक कि खुद को आलमगीर कहने वाला व्यक्ति महाराष्ट्र में पराजित होकर, यहीं उसकी समाधि बनी। महाराज ने कहा था काशी विश्वनाथ मंदिर का उद्धार करिए, सभी ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचिए और सिंधू तक पहुंचिए और राम जन्मभूमि का उद्धार भी नरेंद्र मोदी के शासनकाल में हुआ।”
गौरतलब है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद में 17वीं सदी के मुगल बादशाह की समाधि को हटाने की दक्षिणपंथी संगठनों की मांग को लेकर महाराष्ट्र में काफी राजनीतिक विवाद हुआ था।
शाह के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार, बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले और राज्य मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले भी थे, जो मराठा योद्धा राजा के वंशज हैं।
फडणवीस ने अरब सागर में शिवाजी महाराज के स्मारक के निर्माण के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, उन्होंने कहा कि इस परियोजना से संबंधित याचिका को बॉम्बे उच्च न्यायालय को वापस भेज दिया गया है।
अमित शाह, गृह मंत्री “धर्मवीर संभाजी महाराज, महारानी ताराबाई, धनोजी, संतोजी, शिवाजी के बाद औरंगजेब जब तक जिंदा रहा, उसके सामने लड़ते रहे, जूझते रहे। यहां तक कि खुद को आलमगीर कहने वाला व्यक्ति महाराष्ट्र में पराजित होकर, यहीं उसकी समाधि बनी। महाराज ने कहा था काशी विश्वनाथ मंदिर का उद्धार करिए, सभी ज्योतिर्लिंगों तक पहुंचिए और सिंधू तक पहुंचिए और राम जन्मभूमि का उद्धार भी नरेंद्र मोदी के शासनकाल में हुआ।”