Political News: आगामी लोकसभा 2024 का चुनाव काफी अहम होने वाला है। इस बार का महामुकाबला आर-पार वाला होने वाला है। जो कि बेहद ही दिलचस्प होने वाला है। जिसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां भी होने लगी हैं। लोकसभा चुनावी मौदान में दो मजबूत दल उतरेंगे। चुनावी अखाड़ें में एनडीए और इंडिया आमने सामने होंगे। जिसमें एक तरफ एनडीए तीन दर्जन से ज्यादा पार्टियों को लेकर खड़ी हो गई है तो दूसरी तरफ नया विपक्षी गठबंधन इंडिया अपनी सेना लेकर खड़ी हो गई है। समान विचारधारा वाले गठबंधन में 26 दलों का जुटान है। तो वहीं बीजेपी के नेतृत्वधारी एनडीए में 38 दलों का महाजुटान है। ये दोनों दल अपनी-अपनी ताकत झोंकने में लगें हुए हैं। कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहें हैं।
इन दोनों गठबंधनों से दूर कुछ ऐसी भी पार्टियां है जो खुद को इन दोनों गठबंधनों से दूर रख रहा है। आधा दर्जन ऐसी पार्टी भी है जो न इधर है न उधर इनकी भी अपनी ताकत है और कुछ राज्यों में सरकार भी। सरकार चलाने वाले केसीआर, नवीन पटनायक और जहां रेड्डी है तो अकाली दल, टीडीपी, जेडीएस, ओवैसी की पार्टी, मायावती की पार्टी है। फिलहाल ये पार्टियां खेमेबंदी से अलग हैं तो इन्हीं पार्टियों की बात करेंगे कि उनमें कितना दम है और लोकसभा 2024 चुनाव में कैसा प्रदर्शन दिखाने के लिए तैयार हैं। एनडीए और इंडिया के लिए कितना चुनौतीपूर्ण साबित होगीं।
खुद को दूर रखने वाले जो सत्ताधारी गठबंधन और उनका विपक्षी इंडिया गंठबधन से दूरी बनाने वाली उनसें से तो पहली पार्टी है बीसएपी मायावती की बहुजन समाज पार्टी जिनकी दलित और मुस्लिम समुदाय में अच्छी खासी मजबूती मानी जाती है। अगर वो किसी गठबंधन से समझौता करती हैं तो उसे इसका बड़ा लाभ मिल सकता है।
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बीजू जनता दल
बीजू जनता दल ऐसी पार्टी है जो अतीत में एनडीए का पुराना साथी भी रह चुकी है। बीजू जनता दल नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी है जिसनें अभी अपने चुनावी पत्ते नहीं खोले हैं। जिसके पास अभी भी 12 सांसद है। ये पार्टी भी अपनी जगह मजबूत दल है।
भारत राष्ट्र समिति
तेलंगाना की राज्यस्तीरय पार्टी है इस समिति के मुखिया और राज्य मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव है। इसने भी दोनों गठबंधनो से दूरी बना रखी है। जिसने आगामी लोकसभा चुनाव में किसी दल में शामिल न होके बल्कि खुद के दम पर चुनाव लड़ने का दम भरा है।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी
आंध प्रदेश की पार्टी है जिसके मुखिया जगनमोहन रेड्डी हैं। जिन्होनें चुनाव से संबंधित कोई भी बात नहीं रखी है। जिसका जादू तेलंगाना में भी देखने को मिलता है।
जनता दल सेक्युलर
पूर्व पीएम एचडी गौड़ा की पार्टी जेडीएस पल्टीमार पॉलिटिक्स वाली है जो कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाने में सफल रही है। जिसके अकले रहने के अनुमान हैं। एकला चलने वाली पार्टी है। ये भी हो सकती है कि वो समय आते आते किसी से हाथ भी मिला सकती है।
शिरोमणि दल
बीजेपी की सहयोगी पार्टी पंजाब में लंबे समय तक शासन कर चुकी है। जिसकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ने के कयास लगाए जा रहें हैं। जिसके पास मात्र 2 सांसद है।
AIMIM और AIDU
यूपी के हैदराबाद से सांसद असदुदीन ओवैसी को तो विपक्षी दल इंडिया में शामिल होने के लिए दिलचस्पी थी लेकिन न्योता न मिल पाने की वजह से निराशा हाथ लगी। इसके पास फिलहाल 2 ही सांसद है।