PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद दिल्ली वापस लौट आए, 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि बातचीत और कूटनीति का समर्थन करता है, उन्होंने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजान पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद मंगलवार को पुतिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इस दौरान दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों के पीछे हटने के भारत-चीन समझौते का समर्थन किया और कई द्विपक्षीय डायलॉग मैकेनिज्म दोबारा शुरू करने की बात कही जो 2020 में गलवान में सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद संबंधों पर पड़े असर को सामान्य करने की कोशिशों का संकेत देता है।
उन्होंने कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान उज्बेकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के नेताओं से मुलाकात की और कई सेक्टरों में उनके साथ सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के मिर्जियोयेव के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं। पीएम मोदी ने कजान में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी से भी बातचीत की।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स में अब पांच और सदस्य देश शामिल हो गए हैं। इनमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।