PM Modi: प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए नेताओं की हर साल दो बार बैठक बुलाने का प्रस्ताव रखा

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंडीगढ़ में एनडीए नेताओं की बैठक को 1975 के बाद गैर-कांग्रेसी राजनीतिक दलों का सबसे बड़ा मिलन बताया है, 1975 ही वो साल था जब आपातकाल लगाया गया था। उन्होंने इस तरह का सम्मेलन हर साल दो बार आयोजित करने का आह्वान किया, यह बात बीजेपी की ओर से जारी एक बयान में कही गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली पिछली यूपीए सरकार की तुलना में उनकी सरकार का लोगों के साथ गहरा जुड़ाव है।

उन्होंने बैठक में कहा कि पिछले 10 सालों में उन्हें साढ़े चार करोड़ से ज्यादा चिट्ठियां मिली हैं जबकि उनके पहले पीएम पद पर मौजूद मनमोहन सिंह को सिर्फ पांच लाख चिट्ठियां मिलीं। मनमोहन सिंह ने 2004-14 के दौरान यूपीए सरकार की अगुवाई की थी।

उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार में लोगों के भरोसे को दिखाता है, प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी और उसके कई सहयोगी दलों के 17 मुख्यमंत्रियों और 18 उप-मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में हुए सम्मेलन में कहा कि सुचारू शासन, तेजी से फैसले लेने और शासन में पारदर्शिता ने निवेशकों को लाने और एनडीए शासित राज्यों में निवेश करने में मदद की है।

उन्होंने कहा कि एनडीए, आम नागरिकों की बढ़ती उम्मीदों को पूरा कर रहा है और आखिरी मील तक डिलीवरी सुनिश्चित करना इसकी सरकार की खासियत रही है, उनके मुताबिक इसी बात ने 2014 से सरकार के लिए जनता में भरोसा बनाने में मदद की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पीटूजीटू यानी प्रो-पीपुल प्रो-एक्टिव गुड गवर्नेंस के कॉन्सेप्ट पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने सभी एनडीए शासित राज्यों, मंत्रियों और विधायकों के बीच ज्यादा से ज्यादा संपर्क की जरूरत पर जोर दिया और इसके लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की वकालत की।

प्रधानमंत्री ने हरियाणा में बीजेपी की जीत को खास और ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि एनडीए ने समाज के सभी वर्गों का भरोसा और समर्थन हासिल किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने एनडीए को किसान विरोधी बताने की झूठी कोशिश की, जबकि किसान ही थे जो बड़ी संख्या में सत्ताधारी पार्टी का समर्थन करने के लिए आगे आए, उन्होंने कहा कि लोगों ने साफ संदेश दिया कि वे एनडीए की प्रगति और सुशासन के एजेंडे के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि सुशासन का मतलब आखिरकार लोगों की समस्याओं का समाधान ढूंढना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिकायत दूर करने पर ध्यान देने के साथ समाधान-केंद्रित शासन सभी एनडीए राज्य सरकारों की खास पहचान है।

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