Pandit Chhannulal Mishra: प्रख्यात हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वो 89 साल के थे। उनके परिवार के सूत्रों ने बताया कि मिश्र का सुबह चार बजे निधन हो गया। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे। वह अपनी सबसे छोटी बेटी के परिवार के साथ मिर्जापुर में रहते थे।
उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। छन्नूलाल की बेटी नम्रता मिश्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘उम्र संबंधी समस्याओं के कारण वह पिछले 17 से 18 दिन से अस्पताल में भर्ती थे।’’
उन्होंने बताया कि उनका बुधवार सुबह करीब चार बजे निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा कर गायक के निधन पर शोक जताया है।
उन्होंने लिखा, ‘‘सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। वह भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए जीवनपर्यंत समर्पित रहे। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही भारतीय परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया।
यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे सदैव उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त होता रहा। वह 2014 में वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी रहे थे। शोक की इस घड़ी में मैं उनके परिजन और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। ओम शांति!’’
आजमगढ़ में 1936 में जन्मे मिश्र हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में पारंगत थे। उन्होंने खयाल, ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी और भजन जैसी विधाओं में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मिश्र ने अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र के साथ-साथ किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान और ठाकुर जयदेव सिंह से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। वो बनारस घराने और ठुमरी की पूरब अंग परंपरा से जुड़े थे।
उन्हें 2020 में ‘पद्म विभूषण’ और 2010 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया, मिश्र का अंतिम संस्कार शाम पांच बजे वाराणसी में किया जाएगा।
संगीत सम्राट के नाम से विख्यात पंडित छन्नूलाल मिश्र के परिवार में तीन पुत्रियां और एक पुत्र है। उनकी पत्नी का चार वर्ष पूर्व निधन हो गया था। उनके पुत्र रामकुमार मिश्र भी जाने माने तबला वादक हैं।