Nagpur: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को व्यापक पैमाने पर बढ़ावा मिला है, जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों ने इस क्षेत्र को नजरंदाज किया।
शाह ने यहां राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में कैंसर रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए आवासीय सुविधा ‘स्वस्ति निवास’ की आधारशिला रखने के बाद स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों में सहायता के लिए निजी क्षेत्र की भी सराहना की। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के शासन में स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 1.35 लाख करोड़ रुपये है, जबकि मनमोहन सिंह सरकार के समय यह 37,000 करोड़ रुपये था।’’
देश के प्रमुख कैंसर उपचार इकाइयों में से एक एनसीआई में आयोजित समारोह में शाह ने कहा कि दुनिया में मुंह के कैंसर के मरीजों का सबसे बड़ा प्रतिशत भारत में है। उन्होंने कहा कि देश में हर आठ मिनट में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से एक महिला की मौत होती है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक कैंसर का इलाज असंभव माना जाता था, लेकिन पिछले 15 वर्षों में इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए कई अच्छे संस्थान खुले हैं।
उन्होंने कहा कि एनसीआई ने न केवल राज्य, बल्कि पड़ोसी राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के गरीबों को भी अनुकरणीय सेवा प्रदान की है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदल दिया है। उन्होंने कहा कि करीब 10 साल पहले गरीब लोग अत्यधिक खर्च के कारण इलाज नहीं कराना चाहते थे। मोदी सरकार के तहत 60 करोड़ गरीब लोगों को पांच लाख रुपये तक का इलाज निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। स्वतंत्रता के बाद जहां केवल सात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए गए थे, वहीं अब कुल 23 एम्स की स्वीकृति दी जा चुकी है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की सहायता के कारण मुफ्त इलाज की सीमा 25 लाख रुपये तक पहुंच गई है, जो देश की 60 प्रतिशत आबादी के लिए वरदान साबित हुई है। वर्ष 2014 तक देश में 387 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जो अब 780 हो गए हैं। एमबीबीएस की संख्या 2014 में 51,000 से बढ़कर अब 1.18 लाख हो गई है। इस अवधि में पीजी सीट 31,000 सीट से बढ़कर 74,000 सीट हो गई हैं।’’
शाह ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ जैसी पहलों के साथ-साथ स्वच्छ पेयजल, घरों में शौचालय की सुविधा और धुआं मुक्त रसोई सुनिश्चित करने के वास्ते सिलेंडर वितरण से जुड़े बड़े कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की।
शाह ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधा स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान आने वाले वर्षों में देश में कैंसर के इलाज के लिए सबसे अच्छे केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कैंसर संस्थान के लिए फडणवीस के प्रयासों की सराहना की।
शाह ने कहा, ‘‘कैंसर का इलाज लंबा होता है और मरीजों एवं उनके परिवारों की पीड़ा बहुत अधिक होती है। जो लोग इस पीड़ा का व्यक्तिगत रूप से अनुभव करते हैं, उनमें समाज की सेवा करने और बड़े पैमाने पर लोगों की पीड़ा को कम करने की भावना होती हअच्छे इरादों से समाज को हमेशा लाभ होता है और सरकार के प्रयासों एवं निजी संस्थानों द्वारा उठाए गए कदमों से भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘‘फडणवीस ने 2012 में इस संस्थान की परिकल्पना की थी। आज वह दो बार के मुख्यमंत्री हैं।’’
इस अवसर पर फडणवीस ने कहा कि नये ‘स्वस्ति निवास’ की संकल्पना कैंसर रोगियों और उनके परिवारों को आरामदायक और सहायक वातावरण में रहने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि एनसीआई को प्रमुख अनुसंधान सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा। एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1.7 लाख वर्ग फुट के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ आवासीय सुविधा के प्रस्तावित डिजाइन में एक सुविधा केंद्र परिसर, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि बहुराष्ट्रीय कंपनी पेरनोड रिकार्ड इंडिया ने अपनी सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में स्वस्ति निवास परियोजना में सहयोग किया है, जबकि जेजे कंसल्टेंट्स इसे डिजाइन कर रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “पिछले दस वर्ष में भारतीय जनता पार्टी की नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने इस देश के स्वास्थ्य परिदृष्य को बहुत बदला है। 10 साल पहले अगर किसी को गंभीर बीमारी हो जाए और व्यक्ति गरीब है तो वो कोई इलाज कराना नहीं चाहता है। इसके मन में चिंता थी शायद मैं इस बीमारी से बचूं ना बचूं। अगर बच भी गया तो रूम को बोेझ इतना हो जाएगा कि मेरी आने वाली एक पीढ़ी की रूह को नहीं भर पाएगी। नरेंद्र मोदी जी ने देश के 60 करोड़ गरीबों के लिए पांच लाख तक का सभी इलाज मुफ्त कर दिया है और इसके साथ-साथ महाराष्ट्र की तरह जहां डबल इंजन सरकारें हैं। उन लोगों ने भी अपनी राशि जोड़ी है। इसमें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की विशेष सहायता को जोड़िए तो लगभग 25 लाख तक किसी को गरीब को चार आना भी खर्च करने की जरूरत नहीं रहती।”