स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश कुमार ने कांवड़ यात्रा के लिए देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी व उत्तरकाशी जिलों में खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी रोकने के लिए अभियान चलाने के साथ ही खाद्य कारोबारियों को सख्त निर्देश जारी किए। स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त एफडीए ने कहा कांवड़ यात्रा के दौरान पंडालों, भंडारों के साथ दुकानों में परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह जग्गी ने कहा, बिना लाइसेंस खाद्य व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अब यात्रा मार्गों पर हर खाद्य कारोबारी को अपने लाइसेंस या पंजीकरण प्रमाणपत्र को दुकान में प्रदर्शित करना होगा। छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी फोटो पहचान पत्र व पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदर्शित करना जरूरी होगा। निर्देशों का पालन न करने पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई कर दो लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसको लेकर सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “पवित्र श्रावण मास में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान करोड़ों श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड में पधारते हैं। प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं और आस्था का सम्मान करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्हें शुद्ध, सात्विक और स्वच्छ भोजन उपलब्ध हो इसके लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार के पिछले 4 वर्षों के कार्यकाल में हमने राज्यहित में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनके फलस्वरूप आज उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित हो रहा है।”
आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) माध्यमों से जनता और संचालकों को शुद्ध भोजन की पहचान, खाद्य नियमों और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए बैनर, पोस्टर, पर्चे और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है। सरकार की ओर से जारी टोल फ्री नंबर–18001804246 पर कोई भी व्यक्ति खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर शिकायत दर्ज कर सकता है, शिकायत पर प्रशासनिक टीमें तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई करेंगी।