Jammu: जम्मू-कश्मीर में सीमा के करीबी जिले राजौरी की पांच विधानसभा सीटों में से एक बुधल भी शामिल है, बुधल नई विधानसभा सीट है, जो 2022 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हुए परिसीमन में बनी है, जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 25 सितंबर को बुधल सीट पर वोटिंग होगी।
इस विधानसभा सीट की आबादी का बड़ा हिस्सा दूरदराज के इलाकों में रहता है और बंजारा समुदाय से ताल्लुक रखता है, यहां के वोटरों के लिए खराब सड़क और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं अहम मुद्दे हैं। बुधल के युवा वोटरों के लिए बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है। उनका कहना है कि बुधल में नौकरी की कमी की वजह से युवा बड़े शहरों में जाकर काम करने को मजबूर हैं।
लोगों का मानना है कि बुधल को टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप किया जा सकता है, जिससे बेरोजगारी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी, बुधल जम्मू कश्मीर की उन 26 विधानसभा सीटों में से एक है, जहां 25 सितंबर को दूसरे फेज में वोटिंग होगी, जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन फेज में वोटिंग होगी। वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।
बुधल निवासी जहीर अब्बास ने कहा कि “दूरदराज तक लोगों को जो सहूलियात मिलती हैं, उसमें उनको दुश्वारियां आती हैं। खासकर सड़कों की मुश्किलात जो है, वो ज्यादा रहती है, पानी की वहां पर ज्यादा मुश्किल है, बिजली की वहां पर ज्यादा मुश्किल है।”
इसके साथ ही कहा कि “खवास का जो इलाका है, जैसे हम गुंदा की बात करें, कोरचरवाल की बात करें, नाला बंबल की बात करें, ओदिन की बात करें, खोडवनी की बात करें या गइबास की बात करें, वो दूरदराज, पसमांदा इलाका है। आजादी के बाद आज भी लोग जो बुनियादी सहूलियात है, जिसे हम तीबी निजाम कहते हैं, जो हेल्थ से जुड़ा जो इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो उस इलाके में नहीं है। खुदा न करे अगर कोई शख्स बीमार हो जाता है, कोई और जो है हामला होती है, उसकी डिलीवरी के दौरान उसकी मौत जो है वाका होती है क्योंकि सड़कें जो हैं, उनकी खस्ता हालत है।”
लोगों का कहना है कि “ज्यादातर जो है ये बेरोजगारी है। बच्चे जो पढ़े लिखे हैं, यहां से जाते हैं राजौरी में, डिग्री कॉलेज वहां से जम्मू जा के, वहां से पोस्ट ग्रेजुएट करते हैं, लॉ करते हैं लेकिन रोजगार नहीं मिलता, तो वो बड़े परेशान है। यहां सोर्स ऑफ इनकम नहीं है। बच्चा जो हाइली क्वालीफाइड होकर आएगा तो पेरेंट क्या करेंगे, पेरेंट को परेशानी है। ते ये हमारे मेन इश्यू हैं इस वक्त। यहां पर टूरिज्म, जो डेवलप होना चाहिए था यहां पर, वो बिल्कुल नहीं है। यहां पर बेहतरीन से बेहतरीन जगह टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाई जा सकती हैं जहां पर रेवेन्यू ज्यादा हो सकता है और लोगों को सहूलियात मिल सकती हैं। नौकरियों में भी इजाफा हो सकता है।”