Jammu: जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि स्थानीय उद्योगों को फिर से खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार की मदद जरूरी है।
उमर अब्दुल्ला ने वार्षिक दरबार के सकारात्मक प्रभाव का जिक्र किया, उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि सरकार भविष्य में दरबार को फिर से शुरू करेगी। जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “समस्याओं की कोई कमी नहीं है। अगर मैं ये दावा करूं कि ये समस्याएं पिछले एक दशक में ही उभरी हैं, तो ये झूठ होगा। ये चुनौतियां नई नहीं हैं, न ही ये सिर्फ जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने का नतीजा हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनन से निस्संदेह इन मुद्दों को और जटिल बना दिया है।”
कार्यक्रम में उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने आगे कहा, “हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। जम्मू कश्मीर देश के एक कोने में बसा हुआ है। हमारा बाजार बहुत छोटा है और हमारे कच्चे माल का आधार सीमित है। एक उद्योग जो कच्चे माल के आयात और तैयार उत्पादों के निर्यात पर निर्भर करता है, वो सरकारी सहायता के बिना खुद को बनाए नहीं रख सकता।”
उमर अब्दुल्ला ने जम्मू के पर्यटन क्षेत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जम्मू की पर्यटन क्षमता यहां हर साल आने वाले तीर्थयात्रियों की मौजूदगी को दिखाती है। इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के व्यापारियों को भरोसा दिया कि वो उनके सामने आने वाली औद्योगिक चिंताओं को दूर करेंगे। उन्होंने कहा, “जो भी मुद्दे आप चाहते हैं कि हम वित्त मंत्री के साथ उठाएं। मुझे डिटेल में जानकारी दें। हम उन्हें भारत सरकार के साथ उठाएंगे और ठोस समाधान की दिशा में काम करेंगे।”
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “समस्याओं की कोई कमी नहीं है। अगर मैं ये दावा करूं कि ये समस्याएं पिछले एक दशक में ही उभरी हैं, तो ये झूठ होगा। ये चुनौतियां नई नहीं हैं, न ही ये सिर्फ जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील होने का नतीजा हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनन से निस्संदेह इन मुद्दों को और जटिल बना दिया है।”
“जम्मू कश्मीर देश के एक कोने में मौजूद है। हमारा बाजार बहुत छोटा है और हमारे कच्चे माल का आधार सीमित है। एक उद्योग जो कच्चे माल के आयात और तैयार उत्पादों के निर्यात पर निर्भर करता है, वो सरकारी सहायता के बिना खुद को बनाए नहीं रख सकता। जो भी मुद्दे आप चाहते हैं कि हम वित्त मंत्री के साथ उठाएं। मुझे डिटेल में जानकारी दें, हम उन्हें भारत सरकार के साथ उठाएंगे और ठोस समाधान की दिशा में काम करेंगे।”