Independence Day: जश्न-ए-आज़ादी, PM मोदी का लाल किले से देश को संबोधन

Independence Day: भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लालकिले पर ध्वजारोहण किया। उन्होंने लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर, आत्मनिर्भर भारत, जीएसटी में बदलाव समेत तमाम मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य को नमन किया।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के हर कोने से चाहे रेगिस्तान हो या हिमालयी को चोटी हर तरफ एक ही गूंज है, एक ही जयकारा है कि हमारी प्राण से भी प्यारी मातृभूमि का जयगान है। 1947 में अनंत संभावनाओं के साथ,कोटि-कोटि भुजाओं के सामर्थ्य के साथ हमारा देश आजाद हुआ। देश की आकांक्षाएं उड़ानें भर रही थीं, लेकिन चुनौतियां कहीं ज्यादा थीं। संविधान सभा के सदस्यों ने एक अहम दायित्व निभाया। भारत का संविधान 75 वर्ष से हमें मार्ग दिखा रहा है। भारत के संविधान निर्माता अनेक विद्द महापुरुष डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बाबा साहेब आंबेडकर, पंडित नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, राधाकृष्णनन और नारी शक्ति का योगदान कम नहीं था। आज किले की प्राचीर से देश का मार्गदर्शन करने वाले देश को दिशा देने वाले संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं

पीएम मोदी ने कहा कि हम आज डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 129वीं जयंती मना रहे हैं। वे देश के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। एक देश एक संविधान जब साकार हुआ तो हमने उनको श्रद्धांजलि दी। लाल किले पर आज कई विशेष लोग उपस्थित हैं। मैं यहां लघु भारत के दर्शन कर रहा हूं। तकनीक के जरिये पूरा देश यहां से जुड़ा है। मैं सभी का अभिनंदन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्ले आम किया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था। पूरा विश्व इस संहार से चौंक गया था। ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। हमने सेना को खुली छूट दी। हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकता। सैकड़ों किमी दुश्मन की धरती में घुसकर आतंकियों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान की नींद अभी उड़ी है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए खुलासे हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि अब हमने न्यू नॉर्मल स्थापित किया है। आतंक और आतंकियों को पालने पोसने वालों को अब हम अलग-अलग नहीं मानते। वे मानवता के समान दुश्मन हैं। अब भारत ने तय कर लिया है कि परमाणु धमकियों को हम नहीं सहेंगे। परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्मनों ने कोशिश जारी रखी तो हमारी सेना तय करेगी कि सेना की शर्तों पर सेना जो लक्ष्य तय करे उसे हम अमल में लाएंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।

देशवासियों को पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना एकतरफा है। भारत का पानी दुश्मनों की धरती को सींच रहा है। मेरे देश की धरती प्यासी है। पिछले कई दशक से इस समझौते ने देश के किसानों का नुकसान किया

पीएम मोदी ने कहा कि हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। मेरे प्यारे देशवासियों। भारत ने तय कर लिया है। खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासियों को भली-भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण और एकतरफा है। भारत से निकलती नदियों का पानी दुश्मनों के खेतों को सींच रहा है और मेरे देश की धरती बिना पानी के प्यासी है। कैसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है। उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है। हिंदुस्तान के किसानों का है। भारत कतई सिंधु समझौते को जिस स्वरूप में सहता रहा है, उसे नहीं सहेगा। किसान हित में और राष्ट्रहित में यह समझौता हमें मंजूर नहीं है।

आजादी के लिए असंख्य लोगों ने बलिदान दिया। अपनी जवानी खपा दी। जेलों में जिंदगी गुजार दी। कुछ लेने बनने के लिए नहीं, भारत के स्वाभिमान के लिए। कोटि-कोटि लोगों की आजादी के लिए। गुलामी की जंजीरों को तोड़ने के लिए। मन में एक ही भाव था स्वाभिमान। गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया। गुलामी ने हमें निर्भर भी बना दिया और हमारी निर्भरता बढ़ती गई। हम सब जानते हैं कि आजादी के बाद कोटि-कोटि जनों के पेट भरना बड़ी चुनौती थी। यही मेरे देश के किसान है जिन्होंने खून-पसीना एक कर देश के भंडार भर दिया। देश को आत्मनिर्भर बना दिया। आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिह्न भी लग जाता है। दुर्भाग्य तो तब है जब निर्भरता की आदत लग जाए। पता ही न चले हम कब आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब निर्भर हो जाएं। इसीलिए आत्मनिर्भर होने के लिए हर वक्त जागरूक होना पड़ता है। आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयाता और निर्यात, पैसे और डॉलर तक सीमित नहीं है। इसका नाता हमारे सामर्थ्य से जुडा हुआ है। जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है तो सामर्थ्य भी निरंतर क्षीण होता जाता है। इसलिए हमारे सामर्थ्य को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने ऑपरेशन सिंदूर में देखा कि आत्मनिर्भर भारत कितना सक्षम है। दुश्मन को पता भी नहीं चला कि कौन सा सामर्थ्य है जो उन्हें पल भर में खत्म कर रहा है। अगर हम आत्मनिर्भर न होते तो क्या हम इस तरह हो पाते। सप्लाई मिलेगा कि नहीं, कौन देगा कौन नहीं। लेकिन हमारे मेक इन इंडिया की बदौलत हमारी सेना पराक्रम करती रही। बीते 10 साल से हम मेक इन इंडिया को मिशन की तरह लेकर चले हैं। 21वीं सदी तकनीक की सदी है। जब तकनीक ड्रिवेन सदी है तो इतिहास गवाह है कि जिन देशों ने तकनीक में बढ़ोतरी हासिल की वो देश शिखर पर पहुंच गए। आर्थिक शक्ति के पैमाने पर पहुंचे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने तय किया था कि हम 2030 तक हम क्लीन एनर्जी लाएंगे। हमने जो संकल्प तय किया था वह हम 50 प्रतिशत पूरा कर चुके हैं। बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल, गैस लाने में खर्च होता है। अगर हम ऊर्जा में निर्भर न होते तो वो धन देश के युवाओं, गरीबी दूर करने के लिए काम आता। अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हम अब समुद्र मंथन की ओर जा रहे हैं। हम समुद्र के भीतर तेल और गैस भंडार खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत नया मिशन शुरू करने जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया जब ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए चिंता करती है तो मैं विश्व को यह बताना चाहता हूं कि हमने लक्ष्य रखा था कि 2030 तक हम स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को 50 फीसदी तक पहुंचा देंगे। मेरे देशवासियों का संकल्प देखिए- हमने जो लक्ष्य 2030 के लिए रखा था, वो 50 प्रतिशत क्लीन एनर्जी का लक्ष्य, हमने 2025 में ही अचीव कर लिया। क्योंकि प्रकृति के प्रति हम उतने ही जिम्मेदार लोग हैं। बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल-डीजल को लाने के लिए खर्च होता है। अगर हम ऊर्जा पर निर्भर न होते तो वो धन हमारे युवाओं के लिए काम आता। हमारे किसानों के लिए काम आता। हमारे गांवों की किस्मत पलटने के काम आता। गरीबों को निर्धनता से बाहर लाने में काम आता। लेकिन अब देश को विकसित बनाने के लिए हम अलग से कोशिशें कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि शुभांशु शुक्ला कुछ दिनों में भारत आ रहे हैं। हम मिशन गगनयान पर तेजी से काम कर रहे हैं। हम अपने स्पेस स्टेशन को बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। मेरे देश के 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स सिर्फ स्पेस के सेक्टर में काम कर रहे हैं। ये है देश के नौजवानों की ताकत और देश का उन पर विश्वास। 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे तब विकसित भारत के संकल्प को परिपूर्ण के लिए हम तेजी से जुटे हैं। भारत इस संकल्प को पूरा करने के लिए आधुनिक ईकोसिस्टम तैयार कर रहा है। हर क्षेत्र में यह ईकोसिस्टम देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। आज मेरा देश के युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, और सरकार के सभी विभागों से आह्वान है कि क्या हमारा अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए।

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