HP News: हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को कहा कि वो अपने इस्तीफे पर आगे दबाव नहीं डालेंगे, क्योंकि सीएम ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे पहले दिन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि निराशा और अपमान के कारण उन्हें ये कदम उठाने में दुख हो रहा है।
हालांकि राज्य में राजनैतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन वरिष्ठ पर्यवेक्षकों-भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और डी. के. शिवकुमार को शिमला भेजा था, जिन्होंने शाम को हिमाचल के सीएम के साथ बैठक की।
खरगे ने पर्यवेक्षकों और राज्य के एआईसीसी प्रभारी राजीव शुक्ला से असंतुष्ट विधायकों समेत सभी विधायकों से बात करने, उनकी बात सुनने और जल्द ही व्यापक रिपोर्ट सौंपने को कहा। राजीव शुक्ला ने कहा कि शिवकुमार, हुड्डा और बघेल की सभी विधायकों और विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात के बाद ये निर्णय लिया गया कि वो अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए दबाव नहीं डालेंगे।
विक्रमादित्य सिंह, मंत्री, हिमाचल सरकार “जो घटनाक्रम हुआ है क्योंकि मैं मानता हूं कि व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण संगठन होता है। और संगठन को बनाए रखना, संगठन को मजबूत रखना ये सभी लोगों कि जिम्मेदारी है। इसलिए मैंने उस विषय में जो हमारे ऑब्जर्वर यहां पर आए हैं। कर्नाटक के डिप्टी चीफ मिनिस्टर आए हैं और छत्तीसगढ़ के पूर्व चीफ मिनिस्टर आए हैं, और हरियाणा के पूर्व सीएम आए हैं। उन्होंने जो भी हमसे बातें की हैं पार्टी के हित में और पार्टी की एकजुटता के हित में, मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि हम जो मैंने आज सुबह अपने इस्तीफे की पेशकश की थी और उन्होंने उसे नकारा था। मैं उसको प्रेस नहीं करना चाहता।”
एआईसीसी प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला का कहना है कि “जो हमारे ऑब्जर्वर आएं हैं, डी. के. शिवकुमार जी, भूपेंद्र हुड्डा जी, भूपेश बघेल जी वो उन सभी विधायकों से मिल कर बात कर रहे हैं राय ले रहे हैं। उसी सिलसिले में सबसे पहले पीसीसी चीफ से मिले। पीसीसी चीफ की राय ली, विक्रमादित्य सिंह से मिले, उनसे भी राय ली और सारी बात हुई। इनको मुख्यमंत्री जी ने कहा है हम इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। हाईकमान ने इनसे कहा, बात की ऑब्जर्वर सबसे बात हुई। इसके बाद ये अब तय हुआ कि ये अब अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालेंगे। उसको प्रेस (दबाव) नहीं करेंगे।”