Haryana: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरियाणा के चुनावी दौरे पर रहे, यहां की रैलियों में मतदाताओं से संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि दो दिन चुनाव प्रचार में जम्मू-कश्मीर गया था। वहां एयरपोर्ट पर एक सज्जन की राम-राम की आवाज आई। परिचय न होने के कारण मैंने देखा नहीं, फिर आवाज आई योगी साहब, राम-राम। मैंने देखा तो वह एक मौलवी थे। मुझे लग गया कि यह अनुच्छेद-370 समाप्त होने का प्रभाव है। जो लोग भारत को कोसते थे, संप्रभुता को चुनौती देते थे, आज उनके मुख से राम-राम निकल रहा है, हम बंटे तो कटे थे। हम बंटे न होते तो न राम मंदिर टूटता, न ही कृष्ण जन्मभूमि पर गुलामी का दूसरा ढांचा खड़ा होता और न ही देश कभी गुलाम नहीं होता। जो लोग राम मंदिर-श्रीकृष्ण मंदिर का विरोध कर रहे थे, भाजपा मजबूत होगी तो वही लोग सड़कों पर हरे रामा, हरे कृष्णा गाते दिखाई देंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चार जनसभा की। उन्होंने फरीदाबाद एनआईटी से सतीश फागना, बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, पृथला से टेकचंद शर्मा, बड़खल से धनेश अदलखा, अटेली से आरती सिंह राव, रादौर से श्याम सिंह राणा, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर, यमुनानगर से घनश्याम दास, साढोरा से भाजपा प्रत्याशी चौधरी बलवंत सिंह के लिए कमल खिलाने की अपील की। सीएम ने रादौर में कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल के कार्यों की भी तारीफ करते हुए इस संसदीय क्षेत्र की सभी सीटों पर विजयश्री दिलाने का आह्वान किया।
सीएम योगी ने कहा कि पांच सौ वर्ष के बाद रामलला अपनी जन्मभूमि अयोध्या में देव विग्रह के रूप में 22 जनवरी 2024 को विराजमान हुए हैं। राम मंदिर के लिए हिंदुओं ने 76 बड़ी लड़ाई लड़ी। संत, निहंग, वैरागी, सन्यासी, सद्गृहस्थ, राजे-रजवाड़े, महिलाएं, युवाओं समेत लाखों हिंदुओं ने प्रभु राम के चरणों में खुद को बलिदान कर दिया था। मुगलों, अंग्रेजों के शासन में हिंदुओं के साथ न्याय नहीं हो सकता, लेकिन 1947 में आजादी के बाद कांग्रेस सरकार चाहती तो राम मंदिर का निर्माण कराती पर उसने विवाद खड़ा करवाया। राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस ही सबसे बड़ी बाधा थी। कांग्रेस जिस समस्या का समाधान नहीं कर पाई, 2014 में मोदी जी के पीएम और 2017 में उप्र में भाजपा सरकार आने के बाद 2019 में वह समस्या समाप्त हो गई।
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस देश की समस्या और भाजपा समाधान है। कांग्रेस ने देश को सारी समस्या दी है। कांग्रेस ने विभाजन की त्रासदी, जाति-क्षेत्र, भाषा के नाम पर कमजोर किया। देश को आतंकवाद, उग्रवाद, नक्सलवाद, अराजकता की भट्टी में ढकेला। भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद भी कांग्रेस की देन है।