caste census: केंद्र सरकार के जाति गणना के फैसले पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगली जनगणना में जाति गणना को शामिल करने के सरकार के फैसले ने ‘असली इरादों और खोखली नारेबाजी’ के बीच के अंतर को उजागर किया है। बीजेपी मुख्यालय में उन्होंने कि ‘‘पासा पलटने वाला फैसला’’ बताया जिसका कई विपक्षी दलों ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण फैसले ने हमारे असली इरादों और विपक्ष की खोखली नारेबाजी के बीच के अंतर को उजार किया है। हालांकि अधिकतर विपक्षी दलों ने इसका स्वागत किया है।’’
सरकार ने एक बड़े फैसले में बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति गणना को ‘‘पारदर्शी’’ तरीके से शामिल किया जाएगा। सरकार ने ये घोषणा करते हुए जाति सर्वेक्षणों को ‘‘राजनीतिक उपकरण’’ के रूप में इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
कांग्रेस समेत विपक्षी दल देश भर में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया गया है। बिहार, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कुछ राज्य पहले ही ऐसे सर्वेक्षण कर चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि “हमारे सारे कार्यक्रमों की योजनाओं की मूल लक्ष्य सामाजिक न्याय ही है।समाज के सभी वर्गों तक लाभ, सुविधा, सहूलियत पहुंचे, ये हमारा उद्देश्य रहा है। उस सिलसिले में पहली बार देश में लंबे समय की अंतराल में ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देना। इतने बड़े संख्या में वंछित वर्गों को प्रतिनिधित्व को भारत सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों में सामने लाना केंद्रीय मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यों के उपमुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल में सदस्य इतने बड़े मात्रा में सामजिक न्याय की प्रतिबद्धता पहले कभी नहीं देखने को मिली।”