Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद दिल्ली में यह पहली ऐसी बैठक थी।
मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है और तब से राज्य में 250 लोगों की जान जा चुकी है। बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार, सेना, अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्य विधानसभा का निलंबित कर दिया गया है।
सुरक्षा हालात को लेकर समीक्षा बैठक राज्यपाल की ओर से 20 फरवरी को दिए गए अल्टीमेटम के बाद हुई। जिसमें अवैध और लूटे गए हथियार रखने वाले सभी लोगों को आत्मसमर्पण करने को कहा गया था। सात दिनों की अवधि के दौरान मुख्य रूप से घाटी के जिलों में लोगों ने 300 से ज्यादा हथियार सौंपे। इनमें मेइती चरमपंथी समूह अरम्बाई टेंगोल द्वारा सौंपे गए 246 आग्नेयास्त्र शामिल हैं।
अजय कुमार भल्ला ने लोगों को अतिरिक्त समय देने की मांग के मद्देनजर लूटे गए और अवैध हथियारों को जमा कराने की समय सीमा शुक्रवार को छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है।
तीन जनवरी को मणिपुर के राज्यपाल का कार्यभार संभालने के बाद से अजय कुमार भल्ला अलग-अलग वर्गों के लोगों से मिल रहे हैं और उनसे इस बारे में फीडबैक ले रहे हैं कि पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति कैसे बहाल की जाए, अधिकारियों ने बताया कि भल्ला ने मणिपुर में कई बैठकों की अध्यक्षता की और चर्चा के बाद सुरक्षा बलों को जरूरी निर्देश दिए गए।