Winter: उत्तर भारत के बड़े हिस्से में सोमवार तड़के घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के कारण जनजीवन ठप्प हो गया। उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विजिबिलटी लगभग शून्य हो गई, जिससे सड़क की यात्रा खतरनाक हो गई।
मथुरा में घने कोहरे में सड़क पर गाड़ियां लगभग रेंगते हुए आगे बढ़ रही थीं, इस दौरान ठंड में मुसाफिरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सफर कर रहे लोगों ने कहा कि खतरनाक हालात के बावजूद बाहर निकलने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
फिरोजाबाद में भी कमोबेश हालात कुछ ऐसे ही थे, जहां मौसम के पहले घने कोहरे ने शहर के यातायात को बेहद धीमा कर दिया। यहां के लोगों ने बताया कि ठंड बढ़ गई है, जिससे वो अपने बचाव में जलते हुए अलाव के आसपास इकट्ठा हो गए हैं।
मंदिरों के शहर वाराणसी में भी घने कोहरे के कारण विजिबिलटी काफी कम थी, जिससे गाड़ियों की आवाजाही धीमी रफ्तार से हो रही थी। यहां के लोगों ने जिला प्रशासन से स्कूलों के समय में बदलाव करने की अपील की, खासकर छोटे बच्चों के लिए क्योंकि कड़ाके की ठंड में उन्हें सुबह स्कूल जाने में ज्यादा परेशानी हो रही है।
आगरा में कोहरे के कारण ताजमहल के आसपास विजिबिलटी लगभग शून्य हो गई, जिससे पर्यटकों को काफी निराशा हुई क्योंकि ताज घने कोहरे में पीछे छुप गया था।
दिल्ली-एनसीआर में भी सोमवार की सुबह धुंध की चादर ओढ़े नजर आई। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सुबह घने कोहरे के कारण प्रमुख सड़कों पर यातायात बेहद धीमा रहा और विजिबिलटी काफी कम रही। धुंध के प्रभाव से राजस्थान जैसा रेगिस्तानी सूबा भी अछूता नहीं रहा।
जैसलमेर में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कोहरे से ढकी सड़कों पर सफर के दौरान गाड़ियां हेडलाइट जलाकर धीमी रफ्तार से चल रही थीं। कड़ाके की ठंड के बीच जैसलमेर को लोग शरीर को गर्म रखने की कोशिश में अलाव के इर्द-गिर्द इकट्ठा हो रहे थे।
धुंध और कोहरे का प्रभाव सिर्फ उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं था, पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर में भी कई इलाकों में घना कोहरा छाया रहा, जिससे विजिबिलटी कम हो गई थी और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंडी रातें और घना कोहरा कुछ समय तक बना रह सकता है, अधिकारियों ने सफर करने वाले मुसाफिरों से सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की अपील की, क्योंकि पूरे भारत में सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है।