West Bengal: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में दंगा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र हर आवश्यक कदम उठाएगा। दंगा प्रभावित महिलाओं ने अपनी व्यथा बताई और मांग की कि जिले के चुनिंदा इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थायी शिविर स्थापित किए जाएं और सांप्रदायिक झड़पों की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराई जाए, इन झड़पों में तीन लोगों की जान चली गई थी।
एनसीडब्ल्यू प्रमुख विजया रहाटकर ने पीड़ितों से कहा, ‘‘उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है’’ क्योंकि केंद्र उनके साथ है। उन्होंने मुर्शिदाबाद के बेतबोना कस्बे में पीड़ितों से कहा, ‘‘हम आपकी दुर्दशा का पता लगाने आए हैं। कृपया चिंता न करें। देश और आयोग आपके साथ है। ऐसा न सोचें कि आप अकेले हैं।’’
उन्होंने कहा कि एनसीडब्ल्यू अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा। एनसीडब्ल्यू टीम ने शुक्रवार को मालदा जिले में एक राहत शिविर का भी दौरा किया और मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित लोगों से मुलाकात की।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे, आयोग ने इस हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया है।
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष विजया राहटकर ने कहा कि “बहुत ज्यादा हो गया है इस तरीके से, ये सब अमानवीय है, इतनी तकलीफ इन सब लोगों को हो रही है। उन्होंने जो भी बातें कहीं हैं, मांगे की हैं वो सब हम सरकार के सामने रखेंगे।”