Wayanad: केरल के वायनाड जिले में चौथे दिन भी राहत और बचाव अभियान चल रहा है। अभियान में 40 टीम लगी हुई हैं, लगातार बारिश से उनकी चुनौतियां बढ़ गई हैं। 190 फुट लंबे बेली ब्रिज बन जाने से खोज और बचाव अभियान को रफ्तार मिली है। पुल बनने से खुदाई की और दूसरी भारी-भरकम मशीनों और एम्बुलेंस को पुंचिरीमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला जैसी जगहों तक ले जाया जा सकता है। यहां भूस्खलन का ज्यादा असर पड़ा है।
बचाव की 40 टीम भूस्खलन से प्रभावित छह जगहों पर तलाशी अभियान चला रही हैं – अट्टामाला और अरनमाला, मुंडक्कई, पुंचिरीमट्टम, वेल्लारीमाला गांव, जीवीएचएसएस वेल्लारीमाला और नदी के किनारे। सेना, एनडीआरएफ, डीएसजी, कोस्टगार्ड, नौसेना और एमईजी की टीमों के अलावा यहां के तीन लोग और वन विभाग का एक कर्मचारी भी बचाव काम में शामिल है।
मशीनों के जरिये मलबा साफ करने के बाद हादसे में मरने वालों की सही संख्या का पता चलेगा। अब तक 190 लोगों के मरने और 200 से ज्यादा के लापता होने की खबर है। बचाव योजना के मुताबिक चलियार नदी में भी तलाशी अभियान चलाया जाएगा। कई शव बह कर नीचे चले गए थे और नदी से बरामद किए गए। चलियार के 40 किलोमीटर के इलाके में आठ पुलिस थानों के जवान गोताखोरों के साथ नदी में तलाशी अभियान चलाएंगे।
हेलीकॉप्टर के जरिये भी तलाशी अभियान चलाई जा रही है। एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) अजीत कुमार ने बताया कि “पुंचिरीमट्टम पर सबसे ज्यादा असर पड़ा था। वहां करीब 200 परिवार थे, मुंडक्कई में करीब 10-15 परिवार थे। दोनों भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हमने पूरे इलाके को छह हिस्सों में बांटा है। हमारे पास छह टीम हैं। उप-टीम भी हैं। सेना, एनडीआरएफ, पुलिस का अभियान समूह, नौसेना, तटरक्षक बल की संयुक्त पार्टियां, केरल पुलिस का नौ दस्ता, सेना का डॉग स्क्वाड, फायर ब्रिगेड विभाग। हम आज सभी छह हिस्सों की तलाशी कर रहे हैं।”