Tirupati laddu: आईसीएआर सदस्य ने सीएएलएफ रिपोर्ट की जांच की मांग करते हुए राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

Tirupati laddu: आईसीएआर के एक सदस्य ने नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड-सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड की उस हालिया रिपोर्ट की हाई लेवल जांच की मांग की, जिसमें तिरूपति के लड्डू में पशु फैट के कथित प्रयोग की पुष्टि की गई है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पांच पेज के पत्र में रिपोर्ट को लेकर चिंता जाहिर की है और भारत के मंदिरों में भगवान के भोग के लिए ‘बिलोना देसी गाय घी’ को जरूरी बनाने की अपील की है।

उनका तर्क है कि यह कदम “पारंपरिक प्रथाओं को बचाए रखने में मदद करेगा। मंदिर के प्रसाद मेंं लोगों को भरोसा फिर से लौटेगा और भारत की स्वदेशी गायों के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।”

बदरवाड़ा ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड-पशुधन और भोजन में विश्लेषण और शिक्षण केंद्र (एनडीडीबी-सीएएलएफ) रिपोर्ट निष्कर्षों की व्यापक जांच की भी मांग की, उन्होंने विदेशी मवेशियों की नस्लों के “अनियंत्रित” प्रचार को रोकने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों की कड़ी निगरानी का भी मामला उठाया है।

उन्होंने कहा कि मंदिरों में देशी पशु उत्पादों के उपयोग को जरूरी बनाने से श्रद्धालुओं के भरोसे को बल मिलेगा और किसानों की आय को बढ़ावा मिलेगा, आईसीएआर सदस्य ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मामले की जांच किसी शीर्ष अधिकारी या सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज न्यायाधीश से कराने की अपील की है।

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