Stock market: इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट का सिलसिला जारी रहा, इसकी वजह से सेंसेक्स और निफ्टी में काफी ज्यादा उतार चढ़ाव देखा गया, एशियाई बाजारों से सकारात्मक रुख के बीच दिन के अपने सबसे निचले स्तर से उबरने के बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में ही बंद हुए।
लगातार विदेशी फंड की निकासी और अमेरिकी टैरिफ से चिंताओं के कारण बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 122 अंक टूटकर 76,171 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 26 अंक गिरकर 23,045 पर बंद हुआ। सेंसेक्स पैक से, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईटीसी, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा घाटे में रहे, जबकि बजाज फिनजर्व, टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्रा टेक सीमेंट और कोटक महिंद्रा बैंक बढ़त में रहे।
मार्केट एक्सपर्ट अरुण मंत्री ने कहा कि “यह उतार-चढ़ाव भरे सत्र का दिन था लेकिन निचले स्तर पर बिकवाली से कुछ राहत देखी गई। कुल मिलाकर निफ्टी में 22,800 के आसपास कुछ उम्मीदें बनी हैं, जहां पिछला निचला स्तर था और आज भी वही निचला स्तर है जो बाजार की पिछली गिरावट में बना था। इसलिए 22,800 से 22,700 तत्काल समर्थन बना हुआ है, जबकि 23,200 से 23,250 बाजार के लिए तत्काल प्रतिरोध बना हुआ है। तो कुल मिलाकर हम उम्मीद करते हैं कि कल की समाप्ति में अस्थिरता जारी रहेगी और वैश्विक बाजारों से कोई भी नकारात्मक खबर दोनों तरफ के बाजारों को आगे बढ़ाने की कुंजी साबित होगी।”
सेक्टरल मोर्चे पर ऑटो, रियल्टी, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस और आईटी शेयरों में भारी गिरावट रही, जबकि बैंक, मेटल, दूरसंचार, एफएमसीजी और वित्तीय सेवाओं के शेयरों ने मार्केट को ऊपर उठाया। सभी एशियाई बाजार हरे निशान में बंद हुए, जिनमें जापान का निक्केई, सियोल का कोस्पी, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंग सेंग और इंडोनेशिया का जकार्ता कंपोजिट शामिल हैं।
अमेरिका का वॉल स्ट्रीट मंगलवार को मिले-जुले रुख पर बंद हुआ था, विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 4,486 करोड़ रुपये से ज्यादा की इक्विटी बेची।