Srinagar: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डल झील के सामने पहाड़ी पर बने प्राचीन शंकराचार्य मंदिर की मरम्मत की जा रही है, पुरातत्व विभाग मंदिर को नया रूप दे रहा है, शंकराचार्य पहाड़ी पर जेष्टेश्वर मंदिर की मरम्मत का काम चल रहा है। इस पहाड़ी को गोपाद्रि भी कहा जाता है, यह कश्मीर का सबसे पुराना मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित है।
मंदिर में पत्थर पर नक्काशीदार वास्तुकला खास है, इसका नाम आठवीं सदी के दार्शनिक आदि शंकराचार्य के नाम पर रखा गया है। वह अलग-अलग विचारधाराओं को एकजुट करने और वेदांत के प्रसार के लिए कश्मीर आए थे, यहां दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु आते हैं, शंकराचार्य मंदिर और इसकी पहाड़ी की सांस्कृतिक और धार्मिक अहमियत है। इसके अलावा यहां से डल झील, झेलम नदी और हरि पर्वत समेत श्रीनगर की खूबसूरती के दीदार होते हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “बहुत सारे टूरिस्ट, बहुत सारे पर्यटक थे महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात से और एक चीज बहुत बढ़िया लगी, जो रिनोवेशन चल रहा है शंकराचार्य टैंपल का। दो लाख से ऊपर टूरिस्ट इस साल आए हैं। यहां पर जिन्होंने शंकराचार्य टैंपल विजिट किया हैं तो यह बहुत बढ़िया बात है क्योंकि आज भी जब में गया तो ये पूरा इंडिया का पूरा एक कल्चर दिखाई दे रहा था। एक चीज जो बहुल बढ़िया लगी जो रेनोवेशन चल रहा है, शंकराचार्य टैंपल का आर्कियोलाॅजी सर्वे ऑफ इंडिया ट्रस्ट के सौजन्य से जो रेनोवेशन चल रहा है।”
इसके साथ ही कहा कि “एक ही बात मुझे सही नहीं लगी क्योंकि शंकराचार्य जो टैंपल हैं वो स्टोन टैंपल है और ऊपर जो रिनोवेशन चल रहा था उसमें ईंटें लगी थी तो में रिक्वेस्ट करता हूं आर्कियोलाजी सर्वे ऑफ इंडिया से जो निर्माण ट्रस्ट से कि जो स्टोन एसेंस जो था जो एस्थेटिक सेंस जो था शंकराचार्य का वो मेंटेन रखे और ऊपर भी स्टोन से ही कार्बन करे जो एसेंस हज़ारों साल पुरानी जो ब्यूटी है जो एसेंस है, वो मेंटेन रहे।”