Sikkim: सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 18 हो गई है। सेना और एनडीआरएफ की टीमें तीस्ता नदी बेसिन और उत्तर बंगाल के निचले इलाकों में आई बाढ़ में बह गए लोगों की तलाश में दूसरे दिन भी काम कर रही हैं। मुख्य सचिव वी. बी. पाठक ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में आई बाढ़ के बाद 22 सैन्यकर्मियों समेत 98 लोग लापता हैं।
पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सरकार ने एक बयान में कहा कि 18 शवों में से चार की पहचान ‘जवानों’ के रूप में की गई है। 26 लोग घायल हुए हैं और उनका सिक्किम के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने एक बुलेटिन में कहा कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है, जबकि आपदा से 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं।
पाठक ने कहा कि उन्हें सेना की 27वीं माउंटेन डिवीजन के अधिकारियों ने सूचित किया कि उत्तरी सिक्किम में लाचेन, लाचुंग और आसपास के इलाकों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं। अनुमान के मुताबिक, विदेशियों सहित 3,000 से ज्यादा पर्यटक सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। पाठक ने कहा कि सेना ने अपनी दूरसंचार सुविधा को एक्टिव कर दिया है और कई पर्यटकों को अपने चिंतित परिवार के सदस्यों से बात करने के लिए कहा है। फंसे हुए पर्यटकों को निकालना प्राथमिकता थी और उन्हें मंगन तक हवाई मार्ग से ले जाने का निर्णय लिया गया है, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से सिक्किम लाया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कहा, “अगर मौसम ठीक रहा तो लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को कल से निकाला जाएगा।” उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टर गुरुवार को लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार थे, लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका।
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इलाके में रहने वाले लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उत्तरी सिक्किम में एनडीआरएफ की प्लाटून भी तैयार हैं। तीस्ता नदी में उफान से बुरी तरह प्रभावित सिंगतम शहर की स्थिति का जिक्र करते हुए पाठक ने कहा कि सिंगतम और आईबीएम में पानी और बिजली के बुनियादी ढांचे की बहाली का काम पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक सिंगतम का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए आवश्यक समर्थन मांगा, जहां तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।