Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का आईएसएस का ऐतिहासिक सफर

Shubhanshu Shukla:  भारतीय वायु सेना के बेहतरीन पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जन्म 1985 में लखनऊ में हुआ था। 2006 में भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के तौर पर शामिल हुए शुक्ला के पास सुखोई एसयू-30एमकेआई, मिग-21 और जगुआर जैसे विमानों को उड़ाने का 2,000 घंटे से ज्यादा का अनुभव है।

2019 में शुभांशु शुक्ला को इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए चुना गया था। इसके बाद, उन्होंने रूस के मॉस्को स्थित यूरी गागारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कड़ा प्रशिक्षण लिया।

शुक्ला की तैयारी गगनयान के साथ शुरू ही हुई थी कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन के लिए चुन लिया गया।

शुक्ला और तीन दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ। ड्रैगन अंतरिक्ष यान 28 घंटे की यात्रा के बाद अगले दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचा।

शुभांशु शुक्ला के लिए ये यात्रा ऐतिहासिक रही, वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का सफर करने वाले पहले भारतीय बन गए, इसरो ने शुक्ला की आईएसएस यात्रा के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया, ये एक ऐसा अनुभव है जो भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी को उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान की प्लानिंग और उसे कामयाब बनाने में मदद करेगा। इसे 2027 में अंतरिक्ष में भेजे जाने की संभावना है।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने बताया कि “मैं कहूंगा कि मैं बेहद भाग्यशाली और बेहद खुशकिस्मत रहा हूं कि मुझे जीवन भर पहले उड़ान भरने का मौका मिला, जो मेरे लिए एक सपना था, और फिर अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल होने का अवसर मिला। और इसी का नतीजा है कि मैं यहां पर हूं।”

“मैं बस इतना कह सकता हूं कि मैं इसका हिस्सा बनकर कितना भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। अपने मिशन के ज़रिए देश में एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करना मेरा सच्चा प्रयास है। मैं इस अवसर का इस्तेमाल बच्चों में जिज्ञासा जगाने के लिए करना चाहता हूं। अगर यह कहानी, मेरी कहानी, किसी एक की ज़िंदगी भी बदल पाती है, तो यह मेरे लिए बहुत बड़ी कामयाबी होगी। मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हूं और मैं एक्सिओम 4 मिशन का पायलट
हूं।”

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