Shimla Protest: सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, बता दें कि उग्र प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए प्रदेश की सभी छह बटालियन को संजौली में तैनात किया गया है। प्रशासन ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिक संहिता की धारा 163 को लागू कर दिया गया है। इसके तहत पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं रहेगी। नारेबाजी सहित किसी भी तरह का प्रदर्शन करने पर पाबंदी लगा दी गई है।
दरअसल, संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में 11 सितंबर को होने वाले प्रदर्शन को टालने के लिए जिला प्रशासन और हिंदू संगठनों के बीच वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद जिला प्रशासन ने किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए नवबहार चौक से ढली टनल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी और ढली वाया संजौली-चलौंठी जंक्शन क्षेत्र में बुधवार सुबह सात से रात 11:59 बजे तक धारा 163 लगा दी है।
वहीं हिंदूवादी संगठन प्रदर्शन पर अड़े हुए हैं, इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ” हमारे पास कोई हथियार नहीं है, हम शांतिपूर्ण तरीके से आ रहे थे, हम अपनी जगह मांग रहे हैं तो हमारे पर लाठीचार्ज किया जा रहा है।”
इसके साथ ही कहा कि “जब प्रशासन ने धारा 163 लगाकर समाज को उकसाया। एक भावनात्क विषय पर प्रशासन को सहयोग करना चाहिए था शांतिपूर्ण प्रदर्शन का, अब प्रशासन को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। महिलाओं और स्कूली बच्चों पर लाठीचार्ज किया गया, यह चार पांच मंजिला मस्जिद बनी है। अब अगर वे यहां हथियार रखेंगे और बांग्लादेशियों को यहां रहने देंगे तो क्या प्रशासन उनका समर्थन करेगा या हमारा?”
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में ‘अवैध’ निर्माण के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों प्रदर्शन किया, प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड्स तोड़ने के बाद सुरंग में भागते देखा गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारे पास कोई हथियार नहीं है। हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन के लिए आ रहे थे, आधे से ज्यादा पुलिस अधिकारी यहां बिना नेम प्लेट के हैं। ये सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की सरासर गुंडागर्दी है।”