Shimla: हिमाचल प्रदेश में कम बारिश तथा बर्फबारी के साथ-साथ बढ़ते तापमान के कारण जल स्रोत सूख रहे हैं, जिससे राज्य की पेयजल आपूर्ति की 478 परियोजनाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। जल शक्ति विभाग के इंजीनियरिंग-इन-चीफ अंजू शर्मा ने कहा कि इसके कारण 478 योजनाएं प्रभावित हैं, जिनमें से 32 सोलन इलाके के धर्मपुर क्षेत्र में हैं। जल स्रोत में 75 प्रतिशत से ज्यादा पानी की कमी होने तथा कोई वैकल्पिक स्रोत नहीं होने के कारण, तीन से चार दिन के अंतराल पर जलापूर्ति की जा रही है।’’
अंजू शर्मा ने कहा कि हम गिरि परियोजना से पानी लेकर और छोटी योजनाओं को जोड़कर मांग को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और प्रशासन से टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति के लिए अनुरोध किया है, उन्होंने यह भी कहा कि हालात फिलहाल नियंत्रण में है और ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन अगर तापमान बढ़ता रहा तो हालात और खराब हो सकती है, पानी संकट का अनुभव किया जा रहा है क्योंकि मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक हिमालयी राज्य की ओर रुख कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों से तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है, इससे हमारी लगभग-लगभग 478 योजनाएं हैं जो प्रभावित हुई है। उनमें से सिर्फ 32 योजनाएं हैं जिनमें पानी 75 फीसदी से ज्यादा कम हो गया। बाकियों में किसी में 25 परसेंट हैं, किसी में 25 से 50 परसेंट हैं। लेकिन 32 स्कीम हमारी ऐसी हैं, ये भी हमारे सोलन इलाके के धर्मपुर क्षेत्र में हैं, जहां पर पानी के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हमें उन जगहों पर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन जगहों पर हम हैंडपंपों को ऊर्जीकृत कर पानी उपलब्ध करा रहे हैं। कुछ हमारे पास सोलन-गिरि जल आपूर्ति योजनाएं हैं, जिनमें हमने गिरि से पानी लिया है, उनमें हम स्रोतों को आपस में जोड़ रहे हैं और पानी दे रहे हैं। लेकिन ये सही है कि हम लोगों को डेली पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं इन 32 योजनाओं में।
उन्होंने बताया कि कि अगर बारिश होती है तो हालाकत में सुधार हो जाएगा क्योंकि सिंचाई के पानी की मांग कम हो जाएगी और पीने के लिए ज्यादा पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि ऐसे स्थान जहां जल स्रोत में पानी की कमी 25 से 50 प्रतिशत के बीच है वहां स्थिति से निपटने के लिए जलापूर्ति की अवधि में कटौती की जा रही है।