Share Market: शेयर बाजार में भारी गिरावट पर विशेषज्ञों की सलाह, बोले-निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत

Share Market:  शेयर बाजार के जानकारों ने मार्केट में भारी गिरावट के बाद सोमवार को निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी, उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन की तरफ से लगाए गए टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। स्टॉक मार्केट बेंचमार्क सूचकांक ने सोमवार को शुरुआती व्यापार बड़ी डुबकी लगाई जिससे सेंसक्स और निफ्टी पांच प्रतिशत से ज्यादा गिरे। जानकारों का मानना है कि अमेरिका और चीन के टैरिफ के बाद टैरिफ वॉर छिड़ जाएगी, जिसका सीधा असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ेगा।

बाजार के जानकार सुनील शाह ने कहा, “ये पहले ही उम्मीद थी क्योंकि शुक्रवार को हमने देखा कि बाजार 2200 की गिरावट के साथ बंद हुआ था। इसलिए ये उम्मीद की जा रही थी कि एशियाई बाजार सोमवार को जब खुलेंगे, तो वे एक बड़े अंतर के साथ खुलेंगे और ऐसा ही हुआ। चीन की तरफ से लगाए गए टैरिफ का भी इसमें रोल है। कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में मंदी होगी।ये मुख्य रूप से टैरिफ या व्यापार युद्ध के कारण है।”

बाजार के एक और जानकार शरद कोहली ने सोमवार को शेयर बाजार का ब्लैक मनडे करार दिया। उन्होंने कहा कि “यह स्टॉक मार्केट में एक काला सोमवार है। जब हमने शुक्रवार को देखा कि अमेरिकी बाजार में क्या हुआ। छह परसेंट से नीचे गिर गया। मुझे लगता है कि ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक बाजार के मेल्टडाउन को ट्रिगर किया है। निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और किसी तरह की सेल करने की जरूरत नहीं हैं। बाजार ठीक हो जाएगा। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप को आंतरिक रूप से और दुनिया भर के दबाव की वजह से अपने कुछ फैसलों को वापस लेना होगा। ”

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने भी कुछ ऐसी ही चिंता जारी की। उन्होंने कहा कि “एक अर्थशास्त्री के रूप में मेरा मानना ​​है कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया हैं, उसकी वजह से ग्लोबल इकोनॉमी में हड़कंप मचा हुआ है। टैरिफ वॉर अब शुरू हो गई है क्योंकि चीन ने प्रतिशोधी टैरिफ लगा दिए हैं। यूरोप की तरफ से ये उम्मीद है कि वो प्रतिशोधी टैरिफ लगाएंगे। तो इससे क्या होगा कि टैरिफ वॉर छिड़ जाएगी और और टैरिफ वॉर ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक है क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमी पहले से ही परेशानी झेल रही है। ऐसे में ग्लोबल इकोनॉमी के लिए प्रॉब्लम बहुत बढ़ने की संभावना है।ये कभी भी मंदी में जा सकती है, इसलिए निश्चित रूप से बाजार प्रभावित होंगे।”

एशियाई बाजारों में हॉन्गकॉन्ग के हैंग सेंग ने करीब 11 प्रतिशत , टोक्यो के निक्केई में लगभग सात प्रतिशत की गिरावट आई, शंघाई एसएसई कम्पोजिट इंडेक्स छह प्रतिशत से ज्यादा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स पांच प्रतिशत से ज्यादा गिर गया। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को गिरावट में रहे। एसएंडपी 500 ने 5.97 प्रतिशत, नैस्डैक कम्पोजिट में 5.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और डॉव ने शुक्रवार को 5.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की।

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि “एक अर्थशास्त्री के रूप में मेरा मानना ​​है कि डोनाल्ड ट्रंप साहब ने जो रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए हैं, उसकी वजह से ग्लोबल इकोनॉमी में हड़कंप मचा हुआ है। टैरिफ वॉर अब शुरू हो गई है, क्योंकि चीन ने प्रतिशोधी टैरिफ लगा दिए हैं। यूरोप की तरफ से ये उम्मीद है कि वो प्रतिशोधी टैरिफ लगाएंगे। तो इससे क्या होगा कि टैरिफ वॉर छिड़ जाएगी और और टैरिफ वॉर ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक है क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमी पहले से ही परेशानी का सामना कर रही है। ऐसे में ग्लोबल इकोनॉमी के लिए प्रॉब्लम बहुत बढ़ने की संभावना है।”

इसके साथ ही बाजार के जानकार शरद कोहली ने बताया कि “यह स्टॉक मार्केट में एक काला सोमवार है। जब हमने शुक्रवार को देखा कि अमेरिकी बाजार में क्या हुआ। छह परसेंट से नीचे बंद हुआ। इसकी सुबह से ही काफी उम्मीद थी। मुझे लगता है कि ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक बाजार के मेल्टडाउन को ट्रिगर किया है। निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और किसी तरह की सेल करने की जरूरत नहीं हैं। बाजार ठीक हो जाएगा। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप को आंतरिक रूप से और दुनिया भर के दबाव की वजह से अपने कुछ फैसलों को वापस लेना होगा।

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