Sharda Sinha: पद्म भूषण से सम्मानित भोजपुरी की फेमस लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से देश भर में शोक की लहर है। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई जानी मानी हस्तियों ने शोक जताया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि “अपनी मधुर आवाज़ से पाँच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊँचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ।”
एक दिन पहले ही शारदा सिन्हा से मुलाकात करने वाले केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “बिहार की शान व प्रसिद्ध लोकगायिका, विशेषतौर पर छठ मईया के गीत से मंत्रमुग्ध करने वाली आदरणीय श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। कला के क्षेत्र में ये अपूर्णीय क्षति है, इनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता। छठ महापर्व के पावन मौके पर शारदा सिन्हा जी की कमी महसूस होगी। कल ही इनसे मेरी मुलाकात हुई, मेरी बात भी हुई थी, मैंने कहा भी था कि आप जल्द स्वस्थ होकर हमसब के बीच आएं, आपके बिना छठ पर्व अधूरा है।”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स पोस्ट में लिखा, “पद्मभूषण से सम्मानित, प्रसिद्ध लोक गायिका, बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी के निधन का दु:खद समाचार सुना। जब पूरा देश उनके गीतों में डूबा है, तब उनका यूं चले जाना अत्यंत कष्टदायक है। छठी मैया उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति।”
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने एक्स पर लिखा, “पद्मभूषण लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनके निधन से भारतीय लोक संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है।” झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पोस्ट में लिखा, “अपनी आवाज से छठ एवं अन्य त्योहारों को जीवंत करने वाली स्वर कोकिला आदरणीय श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन की दुःखद खबर मिली।
स्व शारदा जी नारी सशक्तिकरण की विराट मिसाल थीं। उनका चले जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी पूरी हो पाएगी।”
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक्स पर लिखा, “छठ महापर्व को सुरीले गीतों से सजाने वाली, बिहार को कला के क्षेत्र में नई पहचान देने वाली शारदा सिन्हा जी के स्वर अब शांत हो गए। पद्म श्री, पद्म भूषण, स्वर कोकिला को छठी मईया अपने चरणों में शरण दें, यही प्रार्थना है। दुख की इस घड़ी में छठी माई उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।”
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने मंगलवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। शारदा सिन्हा लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें 27 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद आज सुबह से ही उनकी तबीयत नाजुक बनी हुई थी।
एम्स के मुताबिक 72 साल की गायिका 2017 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थी और उन्हें एम्स के कैंसर संस्थान ‘इंस्टिट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल’ के आईसीयू में रखा गया था। मिथिला की बेगम अख्तर के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले में एक नवंबर 1952 को हुआ। संगीत में उनके योगदान के लिए उन्हें बिहार कोकिला कहा जाता था। गायन में उनके योगदान के लिए उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
22 सितंबर, 2024 को शारदा सिन्हा के पति ब्रज किशोर सिन्हा का निधन हो गया था। पति के देहांत के बाद से वो सदमे में थीं जिससे धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। शारदा सिन्हा बेशक आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी यादें और उनके गीत हमेशा लोगों की जुबान पर रहेंगे।
बिहार की लोक गायिका ने दशकों तक अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज किया। उन्होंने छठ से लेकर बेटी की विदाई के अनगिनत गीत गाए। छठ से पहले उनका नया गया ‘दुखवा मिटायिन छठी मैया’ रिलीज किया गया है।दर्शक इसे खूब पसंद कर रहे हैं, लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मैथिली,भोजपुरी और मगही भाषा में कई गाने गाए।
कहते हैं शारदा सिन्हा को अपने गीतों को लेकर इतना जुनून था कि वो गाने से पहले अपने मायके, ससुराल और यहां तक की परिवार के बुजुर्गों से जानकारी लेतीं थीं। शायद यही वजह है कि शादी की कोई रस्म ऐसी नहीं है जिसके लिए उन्होंने गीत न गाए हो।
बिहार की लोक गायिका को कई बार हिंदी फिल्मों में गाने के लिए बड़े ऑफर मिले। उन्होंने साल 1994 में आई फिल्म “हम आपके हैं कौन” में विदाई गीत ‘बाबुल” और “कहे तो” और सलमान खान की पहली सुपरहिट फिल्म “मैंने प्यार किया’ का गीत “सजना” गाया। उन्होंने गैंग्स ऑप वासेपुर-2 में भी अपनी मधुर आवाज दी लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी लोक शैली से समझौता नहीं किया।
शारदा सिन्हा के इस दुनिया को अलविदा करने से माहौल गमगीन हैं। बिहार के लोक कलाकारों से लेकर राजनीति के दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है।