SEBI: सेबी ने सालाना सेक्रेटारियल कम्प्लायंस रिपोर्ट के लिए संशोधित प्रारूप, लेखा परीक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यता मानदंड और संबंधित पार्टी लेनदेन (आरपीटी) अनुमोदन के लिए मौद्रिक सीमा को शामिल करने पर सार्वजनिक टिप्पणियों की समय सीमा सात मार्च तक बढ़ा दी है। ये फैसला शुक्रवार को किया गया।
प्रस्तावों का मकसद सूचीबद्ध कंपनियों में कॉर्पोरेट प्रशासन को मजबूत करना है, सात फरवरी को सेबी ने इससे जुड़ा नोटिस जारी कर आम लोगों और दूसरे हितधारकों से 28 फरवरी तक टिप्पणियां मांगी थीं।
प्रस्तावों में सूचीबद्ध संस्थाओं की सहायक कंपनियों की ऑडिट समिति द्वारा आरपीटी के लिए दो अनुमोदन सीमाएं तय करने का सुझाव है।
इसके अलावा सेबी ने आरपीटी की परिभाषा को स्पष्ट करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि सूचीबद्ध संस्थाओं की सहायक कंपनियों से जुड़े लेनदेन आरपीटी मानदंडों के अनुरूप हैं।
ये स्पष्ट करने के लिए एलओडीआर मानदंडों में संशोधन का सुझाव दिया गया है। ये पूछा गया है कि होल्डिंग और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों के बीच आरपीटी के लिए छूट सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं पर लागू होती है या नहीं।