Road Accident: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क हादसों और मौतों में बढ़ोत्तरी के लिए सिविल इंजीनियरों और सलाहकारों की तरफ से तैयार की गई गलत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और गलत सड़क डिजाइन को जिम्मेदार ठहराया।
ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो (जीआरआईएस) को संबोधित करते हुए, गडकरी ने सड़क सुरक्षा उपायों में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
अपने बेबाक विचारों के लिए जाने जाने वाले गडकरी ने कहा, “देश में ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं छोटी-छोटी सिविल गलतियों, दोषपूर्ण डीपीआर के कारण होती हैं और किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता है।”
मंत्री ने सड़क निर्माण उद्योग से नई तकनीकों और टिकाऊ रिसाइकल योग्य निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का भी आह्वान किया।
गडकरी ने कहा कि भारत में 2023 तक सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1,80,000 मौतें हुई। उनके अनुसार, सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार का लक्ष्य 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लाना है।
कार्यक्रम में बोलते हुए अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के मानद अध्यक्ष के के. कपिला ने कहा कि सड़क डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन के हर पहलू में सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ना है, जहां सड़क दुर्घटनाएं खत्म हो जाएं।
सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “लोगों की आलोचना करना मेरे लिए उचित नहीं होगा, लेकिन लोगों को इसके बारे में सच्चाई बताना मेरी जिम्मेदारी है। इन सभी घटनाओं में सबसे बड़े दोषी सिविल इंजीनियर हैं। मैं सभी को दोष नहीं देता। आज मैं 10 साल के अनुभव के बाद निष्कर्ष पर पहुंच रहा हूं और नाम ले रहा हूं। दोषी वे लोग हैं जो डीपीआर बना रहे हैं, इसमें हजारों गलतियां हैं।
उन्हें इसे सुधारना होगा और डीपीआर की गुणवत्ता इतनी खराब है कि उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। छोटी-छोटी सिविल इंजीनियरिंग गलतियों की वजह से इतनी मौतें हो रही हैं। भारत में सड़क संकेत और मार्किंग सिस्टम जैसी छोटी-छोटी चीजें भी बहुत खराब हैं। हमें स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों से सीखने की जरूरत है…”