Ratan Tata: टाटा के लंबे वक्त के सहयोगी शांतनु नायडू ने अपने बॉस को दी आखिरी विदाई

Ratan Tata: रतन टाटा के लंबे वक्त से सहयोगी रहे शांतनु नायडू ने उद्योगपति को अंतिम विदाई देते हुए उन्हें अपनी जिंदगी की रोशनी बताया है। आरएनटी ऑफिस में महाप्रबंधक नायडू ने तड़के एक प्रोफेशनल नेटवर्किंग साइट पर लिखा, ‘‘ इस दोस्ती में जो था, इसने मेरे अंदर अब जो खालीपन ला दिया है, मैं सारी जिंदगी इसे भरने की कोशिश करूंगा।’’

नायडू को सुबह सभी ने येज्दी मोटरसाइकिल पर सवार होकर टाटा के घर से बाहर निकलते और उनके पार्थिव शरीर को ले जा रहे ट्रक के आगे चलते देखा। नायडू ने एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें दोनों एक चार्टर्ड विमान में बैठे नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा कि‘‘ प्यार की कीमत चुकाने का जरिया दुख है। अलविदा, मेरी जिंदगी की रोशनी।’’

ये डॉग्स के लिए आपसी प्रेम और चिंता ही थी जो टाटा और नायडू को करीब ले आई। पुणे में रहने वाले नायडू टाटा ग्रुप की एक कंपनी में काम कर रहे थे। नायडू ने एक आवारा कुत्ते की मौत से परेशान होकर एक ‘रिफ्लेक्टिव कॉलर’ बनाया गया था जिससे मोटरिस्ट आवारा कुत्तों को जल्दी पहचान सकें। उन्होंने टाटा को इस बारे में पत्र लिखा। टाटा ने इस पर केवल मंजूरी ही नहीं दी, बल्कि इससे कहीं ज्यादा किया।

नायडू को इस वेंचर के लिए टाटा से निवेश और एक स्थायी बांड हासिल हुआ, इसके बाद नायडू अपनी मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए और वापस आने पर उन्हें आरएनटी के ऑफिस में नौकरी मिल गई, जो टाटा संस के चेयरमैन के रूप में उनके कार्यकाल के बाद उद्योगपति का निजी कार्यालय था।

टाटा के लिए कई मामलों का मैनेज करने की अपनी रोज की नौकरी के अलावा, नायडू सामाजिक रूप से चलन में दिखने वाले प्लेटफॉर्म बनाते रहे। नायडू के बॉस टाटा अक्सर इन आइडिया का समर्थन करते थे। इनमें से एक था ‘गुडफेलो’ जो 2022 में सीनियर सिटीजन के लिए शुरू की गई सब्सक्रिप्श-बेस्ड कंपेनियनशिप सर्विस है।

सेहत से जुड़ी परेशानियों के बावजूद रतन टाटा उस स्टार्टअप को लॉन्च करने के लिए हुए कार्यक्रम में शामिल हुए। इतना ही नहीं उन्होंने इसमें निवेश भी किया लेकिन कितनी रकम का निवेश किया ये किसी को भी पता नहीं है।

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