Ram Charit Manas: पाकिस्तान में स्थित सैन्य ठिकानों पर पिछले सप्ताह करारा सैन्य प्रहार करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने मध्यकाल के भक्त कवि तुलसीदास और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की काव्य पंक्तियों का सहारा लेते हुए पड़ोसी देश को कड़ा व सटीक संदेश दिया कि ‘भय के बिना प्रीति नहीं हो सकती’ और ‘विवेक के मरने पर मुनष्य का नाश तय है।’
यहां ‘आपरेशन सिंदूर’ के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस वार्ता की शुरूआत ही राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कालजयी रचना ‘रश्मिरथी’ की पंक्तियों से हुई। ये पंक्तियां ‘दिनकर’ ने महाभारत युद्ध के संदर्भ में लिखी थीं और आज की तारीख में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए इनका इस्तेमाल किया गया।
प्रेस वार्ता में भारतीय वायुसेना के वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल ए. के. भारती ने संवाददाता सम्मेलन से पूर्व राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध रचना ‘रश्मिरथी’ की पंक्तियों के साथ एक वीडियो क्लिपिंग दिखाए जाने के संबंध में एक संवाददाता द्वारा किए गए सवाल के जवाब में ये पंक्तियां उद्धृत कीं।
उन्होंने कहा कि ‘‘रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हमारे राष्ट्रकवि रहे हैं। ये सवाल कि उनकी पंक्तियों के साथ क्या संदेश दिया जा रहा है। तो मैं बस, आपको रामचरित मानस की एक पंक्ति याद दिलाऊंगा तो आप समझ जाएंगे कि क्या संदेश है। इसके बाद उन्होंने ये चौपाई कही: ‘‘बिनय न माने जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होई न प्रीती’।।
भारती ने कहा, ‘‘हमारी लड़ाई आतंकी बुनियादी ढांचे और आतंकवादियों के खिलाफ थी, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का समर्थन करना चुना और संघर्ष को बढ़ाया। प्रेस वार्ता शुरू होने से ठीक पहले ‘आपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा एक वीडियो दिखाया गया जिसमें रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता को भी पूरे जोश के साथ गाया गया था।
यह पंक्तियां इस प्रकार थीं, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। याचना नहीं अब रण होगा जीवन जय या मरण होगा।’ भारती ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा, ‘‘जब हौसले बुलंद हों तो मंजिलें भी कदम चूमती हैं।’