Pulwama: जम्मू-कश्मीर में खास कर पुलवामा और शोपियां जिलों के सेब किसान और व्यापारी अजीबोगरीब परेशानी का सामना कर रहे हैं, पिछले साल के बिना बिके हुए सेब अभी तक गोदाम में पड़े हुए हैं, लोग परेशान हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से उनका मुनाफा कम हुआ है।
विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सेब किसानों और कारोबारियों में आस जागी है कि उनकी परेशानी दूर होगी। दक्षिण कश्मीर में पुलवामा और शोपियां के सेब दुनिया भर में मशहूर हैं, लेकिन सेब व्यापारियों के मुताबिक हाल में ओले गिरने से सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।
सेब कारोबार से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि नई सरकार सेब आयात के मुद्दे का भी समाधान करेगी। इसकी वजह से भी घरेलू सेब उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है। कश्मीर भारत में सेब उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। यहां देश के सालाना सेब उत्पादन की 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।
90 सदस्यों वाली जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए 18 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच तीन दौर में वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। सेब किसान इशफाक यासीन ने कहा कि “बहुत सारे चैलेंज फेस करने पड़ते हैं फार्मर्स को, अगर हम देखेंगे एक तो इंपोर्ट का है, दूसरा पेस्टिसाइड फर्टिलाइजर्स का है, तीसरा जो ये गवर्नमेंट सब्सिडी पर ज्यादा फोकस नहीं करती। ये दो-तीन चीजें जो हैं वो मेन हैं।
कोल्ड स्टोरेज के मैनेजर रिजवान गुलजार ने बताया कि “इस साल अगर हम देखेंगे तो अभी हाल ही में वेदर कंडीशन आपने देखी ओले गिरे। खासकर पुलवामा और शोपियां जिले में जहां से मैक्सिमम हमारा प्रोडक्ट आता है तो जो उनका नुकसान हुआ उसका प्रभाव तो हम पर ही पड़ेगा क्योंकि हमारा काम ही एप्पल के साथ है।”