Pope Francis: आम श्रद्धालुओं के लिए पोप फ्रांसिस के अंतिम दर्शन शुरू

Pope Francis: पोप फ्रांसिस के निधन के बाद कार्डिनल्स (उच्च पादरियों) ने अपना पहला निर्णय लेते हुए उनका अंतिम संस्कार शनिवार को करना तय किया है और आम श्रद्धालुओं को उनके अंतिम दर्शन की अनुमति दी जाएगी। फ्रांसिस का उत्तराधिकारी चुनने के लिए एक सम्मेलन शुरू होने से पहले अगले कदमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए कार्डिनल्स पहली बार मंगलवार को वेटिकन के धर्मसभा हॉल में मिले।

पोप फ्रांसिस का निधन हो गया, इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप के निधन के बाद दुनियाभर से शोक संदेश आ रहे हैं। कार्डिनल्स ने सेंट पीटर स्क्वायर में फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के लिए शनिवार सुबह 10 बजे का समय तय किया है। इस प्रक्रिया को ‘कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स’ के डीन कार्डिनल गियोवानी बतिस्ता रे संपन्न कराएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप शनिवार को पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की योजना बना रहे हैं।

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली भी इसमें शामिल हो सकते हैं, फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। निमोनिया के कारण पांच सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद वह अपने अपार्टमेंट में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे। वह अंतिम बार सार्वजनिक रूप से सामने आए थे और उन्होंने ईस्टर के आशीर्वाद के साथ अनुयायियों का अंतिम अभिवादन किया था। वेटिकन ने पोप फ्रांसिस के निधन के बाद मंगलवार को उनकी पहली तस्वीर जारी की जिसमें लकड़ी के ताबूत में रखी उनकी पार्थिव देह के साथ ही प्रार्थना करते हुए वेटिकन के ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ को देखा जा सकता है।

पोप फ्रांसिस की पार्थिव देह को लाल रंग के वस्त्र से ढके लकड़ी के ताबूत में देखा जा सकता है जिसके साथ उनकी पादरी टोपी (माइटर) रखी है और वेटिकन के ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ प्रार्थना कर रहे हैं। यह तस्वीर डोमुस सेंटा मार्टा होटल के चैपल की है जहां पोप रहते थे। वेटिकन के ‘कैमरलेंगो’ द्वारा फ्रांसिस के निधन की घोषणा के बाद दुनिया भर के चैपल, चर्च और कैथेड्रल में घंटियां बजाई गईं और इटली, भारत, ताइवान और अमेरिका में झंडे आधे झुके रहे। कैमरलेंगो की पदवी उन कार्डिनल या उच्चस्तरीय पादरी को दी जाती है जो पोप के निधन या उनके इस्तीफे की घोषणा के लिए अधिकृत होते हैं।

अर्जेंटीना मूल के पोप के सम्मान में इटली और अर्जेंटीना में फुटबॉल मैच स्थगित कर दिए गए। फ्रांसिस सैन लोरेंजो फुटबॉल क्लब के बड़े प्रशंसक थे। विश्व के नेताओं ने फ्रांसिस के नैतिक नेतृत्व और करुणा के लिए उनकी प्रशंसा की, वहीं आम धर्मावलंबियों ने उनकी सादगी एवं मानवीय गुणों को याद किया।

अगले पोप बनने के लिए प्रमुख दावेदार माने जाने वाले इटालियन बिशप्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख कार्डिनल मैटेओ जुप्पी ने कहा, ‘‘उन्होंने (फ्रांसिस ने) खुद को अंत तक समर्पित रखा….सभी से मिलने के लिए बाहर जाने, सभी से बात करने, हमें सभी से बात करना सिखाने, सभी को आशीर्वाद देने के लिए।’’

अगले पोप का चुनाव: फ्रांसिस के अंतिम संस्कार के बाद नौ दिन तक राजकीय शोक रहेगा जिसे ‘नोवेंडियाली’ के रूप में जाना जाता है। इस अवधि के दौरान, कार्डिनल रोम पहुंचते हैं और कॉन्क्लेव से पहले निजी तौर पर मिलते हैं। सभी को इकट्ठा होने का समय देने के लिए, कॉन्क्लेव को ‘सीट रिक्त’ होने की घोषणा के लिहाज से 15-20 दिन बाद शुरू होना चाहिए, हालांकि कार्डिनल के सहमत होने पर यह पहले भी शुरू हो सकता है।

एक बार कॉन्क्लेव शुरू होने के बाद, कार्डिनल सिस्टिन चैपल में गोपनीय सत्रों में मतदान करते हैं। मतदान सत्रों के बाद, मतपत्रों को एक विशेष चूल्हे पर जला दिया जाता है। काला धुआं यह दर्शाता है कि कोई पोप नहीं चुने गए हैं, जबकि सफेद धुआं यह दर्शाता है कि कार्डिनल ने कैथलिक चर्च के अगले प्रमुख को चुन लिया है। जिसे दो-तिहाई वोट मिलते हैं, वह विजयी होते हैं। यदि वह स्वीकार कर लेते हैं, तो उनके चुनाव की घोषणा सेंट पीटर बेसिलिका के लॉजिया (एक विशेष स्थान) से एक कार्डिनल द्वारा की जाती है, जो दुनिया को लैटिन भाषा में ‘हैबेमस पापम’ का संदेश देते हैं, जिसका अर्थ है ‘हमारे पोप चुन लिए गए हैं।’

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