Pollution: पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई तेज

Pollution:  उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी की मुख्य वजहों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना भी माना जाता है, हरियाणा के फतेहाबाद जिले के लोग भारी वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं, वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के करीब पहुंच गया है। जिला प्रशासन किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रहा है, प्रशासन का दावा कि जिले में पराली जलाने के मामले 30 फीसदी कम हुए हैं।

कृषि विभाग सब-डिविजनल अफसर का कहना है कि “अब तक 235 मामले सामने आए हैं अब तक टोटल जो है इसमें 322500 रुपया जुर्माना किया जा चुका है 109 किसानों को। पिछले साल से 30 प्रतिशत डिडक्शन हुई है अब तक। पिछले साल आज की डेट में 337 कुछ मामले थे जो घट के 235 हो गए हैं”

नेत्र रोग विशेषज्ञ का कहना है कि “लोग फोन करके पूछते रहते हैं आंखों में जलन हो रही है, लाली आ रही है। पराली के कारण यह प्रॉब्लम आ रही है। पेशेंट उतने नहीं आ रहे लेकिन फोन करके पूछते रहते हैं।”

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पड़ोसी राज्य पंजाब के मोगा जिले में कृषि विभाग ने कहा कि उन्होंने पराली जलाने वाले 205 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है। पराली में लगाई जा रही आग को बुझाने के लिए जिला प्रशासन ने दमकल की गाड़ियां भी तैनात की हैं।

कृषि विभाग अधिकारी ने बताया कि मनजीत सिंह “ड्यूटी पर तैनात क्लस्टर अधिकारियों और नोडल अधिकारियों ने 205 जगहों का दौरा किया है और पराली जलाने की घटनाओं की सूचना दी है। प्रशासन उसके मुताबिक कार्रवाई करेगा। मैं किसानों से अपील करना हूं कि वे पराली न जलाएं। क्योंकि पराली से पैदा धुआं काफी नुकसानदेह होता है। पराली के धुंए से हादसे होते हैं और कई बीमारियां फैलती हैं।”

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