Politics: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भविष्य में प्रधानमंत्री मोदी के विश्व नेता बनने की यात्रा को दुनिया भर के छात्र एक विषय के रूप में पढ़ेंगे, वह प्रधानमंत्री मोदी के गृहनगर वडनगर में पुरातत्व अनुभव संग्रहालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी का पूरा जीवन, वडनगर में बचपन बिताने से लेकर देश के प्रधानमंत्री और विश्व नेता बनने तक की उनकी यात्रा को देश और पूरी दुनिया के छात्र एक विषय के रूप में पढ़ेंगे, हर व्यक्ति अपने गृहनगर को कुछ देना चाहता है और नरेंद्र मोदी ने वडनगर के 25 साल को दर्शाने वाला ये संग्रहालय बनाकर शहर को दुनिया के नक्शे पर ला खड़ा किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद गरीब परिवार से आते हैं और उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि देश के गरीबों को घर, शौचालय, गैस कनेक्शन, पानी, बिजली, दवाइयां और मुफ्त राशन मिले। अमित शाह ने कहा, “आज से 500 साल बाद जब कोई वडनगर का इतिहास लिखेगा, तो वे इस शहर को प्रधानमंत्री मोदी के गृहनगर के रूप में भी याद रखेगा, जिसमें ताना, रीरी और कई दूसरे महान लोग शामिल हैं।”
12,500 वर्ग मीटर में फैला और 298 करोड़ रुपये की लागत से बना पुरातत्व अनुभव संग्रहालय वडनगर के 2,500 से ज्यादा सालों के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और विकास को दर्शाता है। ये भारत में विकसित अपनी तरह का पहला संग्रहालय है, जहां विजिटरों को पुरातात्विक स्थल का एक अनूठा अनुभव मिलेगा। संग्रहालय में 5,000 से ज्यादा कलाकृतियां प्रदर्शित हैं, जिनमें सिक्के, आभूषण, हथियार और उपकरण, मूर्तियां, खेल की वस्तुएं और खाद्यान्न, डीएनए और कंकाल अवशेष जैसी कई चीजें शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “नरेंद्र मोदी जी का पूरा जीवन वडनगर में व्यतीत हुआ बचपन से लेकर देश के प्रधानमंत्री और विश्व नेता बनने की ये यात्रा। आने वाले दिनों में देश और दुनिया के कई सारे विद्यार्थियों की स्टडी का विषय बनने वाला है। इनका अभ्यास का एक विषयवस्तु बनने वाला है। करोड़ों लोगों के जीवन में भूख भरने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया।
उनको घर, गटर, शौचालय, गैस, पीने का पानी,बिजली दवाई और मुफ्त खाने का राशन देकर हर बच्चे के जीवन को सुखी करने का काम एक गरीब घर में पले बच्चे ने किया। कि जब वो 500 वर्षों के बाद वडनगर का इतिहास लिखेगा तो नरेंद्र मोदी के जन्म स्थान के रूप में भी अपने वडनगर को निश्चित याद करेगा। ऐसा काम एक ही जीवन में नरेंद्र भाई ने किया है और आज हर व्यक्ति अपनी मातृभूमि का ऋण उतारना चाहता है। इसलिए आज नरेंद्र भाई ने 2500 साल वडनगर की यात्रा को म्यूजियम बनाकर वडनगर दुनिया के नक्शे पर लाने का काम किया है।”