PM Modi: पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देना बुद्ध की महान विरासत का सम्मान- पीएम मोदी

PM Modi: अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए, मोदी ने कहा कि जहां हर देश अपनी विरासत को अपनी पहचान से जोड़ता है, वहीं भारत बहुत पीछे रह गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान करती है, साथ ही उन्होंने आजादी के बाद भारत की सांस्कृतिक विरासत की उपेक्षा के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों पर कटाक्ष किया।

पीएम मोदी ने कहा कि “पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देना भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है। भाषा सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है। पाली भाषा को जिंदा रखना, भगवान बुद्ध के शब्दों को जिंदा रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।”

मोदी ने कहा कि अभिधम्म दिवस पर मैं भगवान बुद्ध के सभी अनुयायियों को शुभकामनाएं देता हूं। आज शरद पूर्णिमा और वाल्मिकी जयंती भी है। मैं सभी देशवासियों को शरद पूर्णिमा और वाल्मिकी जयंती की भी बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “जिस पाली भाषा में ये विरासत विश्व को मिली है इसी महीने भारत सरकार ने उसे क्लासिकल लैंग्वेज शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। इसलिए आज ये अवसर और भी खास हो जाता है। पाली भाषा को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा पाली भाषा का सम्मान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है। विश्व की अस्थिरता और आशंकाओं से घिरा है। ऐसे में बुद्ध न केवल प्रासंगिक बल्कि अपरिहार्य भी बन चुके हैं। मैंने एक बार यूनाइटेड नेशन में कहा था, भारत ने विश्व को युद्ध नहीं बुद्ध दिए है। और आज मैं पूरे विश्वास से कहता हूं पूरे विश्न को युद्ध में नहीं, बुद्ध में ही समाधान मिलेंगे। “

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