Pahalgam Attack: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) पहलगाम आतंकवादी हमले के मामले में आज यानी सोमवार को आरोपपत्र दाखिल करेगा, अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में किए गए हमले में 26 लोग मारे गए थे। एनआईए की जांच के दौरान हमले में तीन आतंकवादियों की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने आई है।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवाद निरोधक एजेंसी सोमवार को जम्मू की एनआईए विशेष अदालत में आरोपपत्र प्रस्तुत करेगी। एनआईए ने जून में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था।इन व्यक्तियों पर उन तीन आतंकवादियों को शरण देने का आरोप है जिन्हें जुलाई में भारतीय सेना ने मार गिराया था।
गिरफ्तार किए गए दो व्यक्तियों- परवेज अहमद जोथर (बटकोट) और बशीर अहमद जोथर (पहलगाम)- ने इन तीन हमलावरों की पहचान पाकिस्तान के नागरिकों के रूप में की थी जो प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित थे।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और साजो-सामान संबंधी अन्य सहायता प्रदान की थी। उन्होंने बताया कि ये तीनों आतंकवादी 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम से की गई मुठभेड़ में मारे गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के ये आतंकवादी पहलगाम हमले के बाद से दाचीगाम-हरवन जंगल क्षेत्र में छिपे हुए थे।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों और प्रशिक्षण केंद्रों सहित उन नौ स्थानों को निशाना बनाया गया था, जिनसे भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती थी।