Pahalgam Attack: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नीरज उधवानी को जयपुर में अंतिम श्रद्धांजलि दी। 33 साल के नीरज उधवानी दुबई में चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे थे और किसी शादी में शामिल होने के लिए भारत आए थे, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 की सिंधु जल संधि जो 1965 और 1971 में दो युद्धों के बाद भी जारी रही और कई घटनाओं के बाद भी जारी रही। हमने हमेशा उस संधि का सम्मान किया, लेकिन पीएम मोदी का संकल्प कि ‘खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे’, 1960 की सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बाधित करेगा।”
राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी, राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत, टीकाराम जूली और गोविंद सिंह डोटासरा ने भी नीरज उधवानी को अंतिम श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि “पूरा देश इस जघन्य कृत्य की निंदा करता है। खून के एक-एक कतरे का बदला लिया जाएगा। केंद्र ने कड़े फैसले लिए हैं, लेकिन ऐसे और फैसले लेने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकारें उनके परिवार के साथ हैं।”
नीरज और उनकी पत्नी आयुषी पहलगाम में छुट्टियां मनाने गए थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दी। जब उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया, तो जयपुर के मॉडल टाउन में फॉरेस्ट व्यू रेजीडेंसी स्थित उनके घर पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि “1960 के बाद में जो भारत और पाकिस्तान के बीच में जो सिंधु घाटी नदी जल समझौता था जो युद्ध प्रत्यक्ष 1965 और 1971 में युद्ध के बावजूद भी और लगातार इतनी बड़ी घटनाओं के बावजूद भी हमले उसका सम्मान किया था। माननीय प्रधानमंत्री जी का ये संकल्प कि अब रक्त और पानी दोनों साथ नहीं बहेगा। मैं ये मानता हूं कि पाकिस्तान के लिए ये सबसे कड़ा संदेश है और निश्चित रूप से ये पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रूप से जो कमर है वो टूटने वाली है।”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि “पूरा देश इस जघन्य कृत्य की निंदा करता है। खून के एक-एक कतरे का बदला लिया जाएगा। केंद्र ने कड़े फैसले लिए हैं, लेकिन ऐसे और भी फैसले लेने की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकारें उनके परिवार के साथ हैं।”