Operation Sindoor: केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर भारतीय हमलों में इन संगठनों के पांच कुख्यात आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनमें 1999 में IC-814 जहाज के अपहरण का मास्टरमाइंड भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इन आतंकियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने भाग लिया, इसके अलावा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई, जो आतंकवादी संगठनों के साथ पाकिस्तान सरकार की मिलीभगत का खुला सबूत है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए आतंकियों की कुख्यात वांछित सूची में 21वें नंबर पर मोहम्मद यूसुफ अजहर जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के खूंखार प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का साला है। वो भारतीय एयरलाइंस के विमान IC-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था। जिसमें मसूद अजहर को दो दूसरे खूंखार आतंकवादियों के साथ भारतीय एयरलाइंस के विमान के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के बदले में रिहा किया गया था। आतंकी अपहरण के बाद विमान को दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार में ले गए थे।
जब भारत की ओर से सटीक हमला किया तो यूसुफ अजहर अपने परिवार के सदस्यों के साथ जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय में मौजूद था, जहाँ उसने कैडरों को हथियार प्रशिक्षण दिया था। उन्होंने कहा कि मसूद अजहर का एक और साला, हाफिज मुहम्मद जमील भी मारा गया। जमीन बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था, जो जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादियों के लिए एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र था। जमील युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी मुदस्सर खादियन खास, जो मुदस्सर और अबू जुंदाल के नाम से भी जाना जाता था और मरकज तैयबा, मुरीदके का प्रभारी था। प्रतिबंधित संगठन के मुख्य केंद्र पर भारतीय सेना की ओर से किए हमले में मारा गया। उसके अंतिम संस्कार ने पाकिस्तान सरकार और आतंकवाद के बीच सक्रिय मिलीभगत को उजागर कर दिया, जब सोशल मीडिया पर उसे पाकिस्तानी सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने के वीडियो प्रसारित किए गए।
ये देखा गया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की गई, जो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की भतीजी हैं। जनाजे की नमाज का नेतृत्व जअंतमात अल-दावा के हाफिज अब्दुल रऊफ ने किया, जो एक घोषित वैश्विक आतंकवादी है। इसका अंतिम संस्कार एक सरकारी स्कूल में आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तानी सेना के एक सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक ने भाग लिया। ये इस बात का ठोस सबूत है कि राज्य की आतंकवादियों के साथ मिलीभगत है।
लश्कर का आतंकवादी खालिद उर्फ अबू अकाशा जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था, इसके अलावा वह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी भी करता था। फैसलाबाद में उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के डिप्टी कमिश्नर शामिल हुए। POJK में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी के बेटे मोहम्मद हसन खान को भी इस हमले में मार गिराया गया। उन्होंने बताया कि खान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी।