Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना की तरफ से जारी गोलाबारी से एलओसी यानी नियंत्रण रेखा पर जम्मू कश्मीर के पुंछ और उरी जिलों में भारी तबाही देखने को मिली है। इलाके में मकानों, दुकानों और गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचा है, पुंछ में लोगों ने बेकसूरों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया।
पुंछ के सरपंच अमर जबीन ने कहा कि “यहां पर लोगों का नुकसान हुआ। जिस मकान पर हम खड़े हैं, इस मकान के अंदर गरीब आदमी को कुछ भी नहीं बचा। इतना डैमेज हो गया। और साथ में आप पीछे भी देखें, कि एक मकान गरीब का यहां पे खत्म हो गया। आज तकरीबन 24 घंटे में पाकिस्तान की वजह से यहां पे नुकसान हुआ।”
आने वाले दिनों में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ने की आशंका को देखते हुए कई परिवार सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं, पुंछ के बाजारों में सन्नाटा पसरा दिखा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यह दो दिन से पुंछ बंद है, इतना खौफ यहां पर पुंछ में है कि यहां से 80 परसेंट लोग पुंछ से भाग गए हैं।” उरी जिले में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। कई लोगों को उनके घरों से निकालकर प्रशासन द्वारा बनाए गए अस्थायी आश्रय गृहों में ले जाया गया।
जब गोलाबारी होती है, बाहर निकलने से हम बहुत मजबूर हैं, जो हमारी फैमिली, बच्चे कुछ नहीं निकल सकते। माल-मवेशी बंद है। हमारा मजदूरी पे जाना भी मुश्किल है। गेट भी बंद होता है। नोडल अधिकारी रिक चालकू ने बताया कि “हमारे पास जो है खाने-पीने का पूरा अरेंजमेंट किया गया है। इनके रहने का इंतजाम है। सारी फैसिलिटीज इनको प्रोवाइड की गई हैं, क्योंकि ये जो शेलिंह हो रही है, छोटा फायर हो रहा है बॉर्डरों पे, उस मद्देनजर एडमिनिस्ट्रेशन ने इनको यहां पे लाकर इनको एडजस्ट किया है।”
अधिकारियों के मुताबिक शेल्टर कैंपों में रह रहे लोगों की सुविधा के लिए हर जरूरी इंतजाम किए गए हैं। भारत द्वारा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रिहायशी इलाकों में भारी गोलीबारी की है।