Operation Sindoor: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर निवासी कामाक्षी प्रसन्ना, जिनके पति एस. मधुसूदन राव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे, ने भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है। उन्होंने इसे उन महिलाओं की ओर से उठाया गया कदम बताया है जिन्होंने अपने पतियों को खो दिया है। कामाक्षी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन से उनके परिवार को कुछ हद तक न्याय मिला है।
मधुसूदन राव बेंगलुरु स्थित आईबीएम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ जम्मू-कश्मीर यात्रा पर गए थे। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने बाइसारन घाटी में घात लगाकर हमला किया, जिसमें राव सहित 26 लोग मारे गए। हमलावरों ने पहचान पूछकर हिन्दू और ईसाई पर्यटकों को निशाना बनाया, जबकि एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति ने हमलावरों से संघर्ष करते हुए शहादत प्राप्त की। इस हमले को 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे बड़ा नागरिक हत्याकांड माना जा रहा है।
भारत सरकार ने इस हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इन हमलों में 26 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत और 46 लोग घायल हुए। भारत ने दावा किया कि उसने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया।
कामाक्षी प्रसन्ना ने कहा कि यह ऑपरेशन उनके जैसे शहीदों के परिवारों के लिए एक सांत्वना है, हालांकि उनका व्यक्तिगत दुख कम नहीं हो सकता। उन्होंने ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” को सही और सार्थक बताया, जो उनके लिए अपने पति की यादों और बलिदान का प्रतीक है। इस ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है, और दोनों देशों में सीमापार गोलाबारी में नागरिकों की मौतें हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयम की अपील की है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।