New Delhi: देश की सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) ने 50 से ज्यादा उन दवाओं की सूची तैयार की है, जिन्हें रिपोर्ट में ‘तय क्वालिटी के हिसाब से नहीं पाया गया।
इनमें पैरासीटामॉल, पैन डी, कैल्सियम और विटामिन डी थ्री सप्लीमेंट के अलावा शुगर की दवाइयों समेत 50 से ज्यादा दवाइयां हैं। सीडीएससीओ की ओर से अगस्त के लिए दवा संबंधी अलर्ट में जिन दवाओं की खेप को बताया गया है उनमें अल्केम लेबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स और फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, नेस्टर फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड, प्रिया फार्मास्यूटिकल्स और स्कॉट-एडिल फार्माशिया लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
सीडीएससीओ की ओर से जारी अलर्ट में शेल्कल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के साथ विटामिन सी सॉफ्टजेल, विटामिन सी और डी3 टैबलेट और सिप्रोफ्लोक्सासिन टैबलेट जैसी दवाओं के नमूने शामिल हैं। उच्च रक्तचाप की दवाएं टेल्मिसर्टन और एट्रोपिन सल्फेट के अलावा एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट टैबलेट जैसे एंटीबायोटिक्स को भी ‘क्वालिटी के हिसाब से नहीं पाया।
भारतीय फार्माकोपिया के अनुसार, कुछ दवाओं की खेप टेस्ट में फेल रहीं और आईपी के अनुसार कुछ ‘वाटर टेस्ट में विफल रहीं, जबकि कुछ को नकली के तौर पर चिह्नित किया गया। एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक हर महीने ‘मानक गुणवत्ता रहित’ (एनएसक्यू) दवाओं की एक सूची जारी की जाती है।
सीडीएससीओ के अनुसार कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने दवा का लाइसेंस देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अगस्त 2024 के लिए मानक गुणवत्ता रहित (एनएसक्यू) अलर्ट के संबंध में कोई आंकड़ा नहीं दिया है।