New Delhi: भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी – लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए, दो अक्टूबर को 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किलोमीटर) की समुद्री यात्रा पर निकलेंगी। दुनिया भर की इस यात्रा में उन्हें करीब आठ महीने का वक्त लगेगा।
नौसेना के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि ये रास्ता उन्हें तीन महान केप – केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप के आसपास के खतरनाक समुद्री रास्ते समेत कुछ सबसे खतरनाक जल मार्ग से होकर ले जाएगा।
दोनों महिला अधिकारी इंडियन नेवल सेलिंग वेसल (आईएनएसवी) ‘तारिणी’ पर सवार होकर दुनिया भर में यात्रा करेंगी, इस ऐतिहासिक यात्रा को गोवा के नेवल ओशन सेलिंग नोड, आईएनएस मंडोवी से हरी झंडी दिखाई जाएगी। आठ महीने के पीरियड में दोनों बिना किसी बाहरी मदद के, केवल विंड पावर (पवन ऊर्जा) पर निर्भर होकर 21,600 समुद्री मील से ज्यादा की यात्रा करेंगी।
कालीकट की रहने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के को जून 2014 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। उनके पिता स्वर्गीय देवदासन भी भारतीय सेना में थे, मूल रूप से पुडुचेरी की रहने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए जून 2017 में नौसेना में शामिल हुईं थीं। उनके पिता अलागिरिसामी जीपी भी भारतीय वायु सेना में थे।
नौसेना उप-प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने बताया कि “हम दो अक्टूबर को गोवा से इसे हरी झंडी दिखाएंगे, यह एक परिक्रमा यात्रा है। आप जिस पोर्ट से शुरू करते हैं, उसी पोर्ट पर खत्म करते हैं। हम गोवा से शुरू करेंगे और हमें उम्मीद है कि ये मई 2025 में खत्म हो जाएगी, लेकिन जैसा कि प्रतिभागियों ने कहा कि ये इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कैसी प्रोग्रेस करते हैं, क्योंकि कई बार हमें अचानक से आने वाली ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसकी हमें कोई उम्मीद नहीं होती। हम निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते क्योंकि समुद्र बहुत खतरनाक है। लेकिन अगर आप केवल उस समय के हिसाब से चलते हैं जो उन्हें 26,000 मील की परिक्रमा करने के लिए चाहिए, तो मई तक वे वापस आ जाएंगे।”