New Delhi: बांग्लादेश में फैली अशांति और हिंसा के बीच देर रात भारतीय कामगार ढाका से दिल्ली पहुंचे, वतन वापस लौटे कामगारों ने आपबीती सुनाई और बांग्लादेश के मौजूदा हालात को लेकर बात की।
मानस चक्रवर्ती नाम के वर्कर ने कहा कि “उधर (बांग्लादेश) माहौल तो अच्छा नहीं चल रहा है क्योंकि हम लोगों को जो गेस्ट हाउस में रखा था उसमें जो हसीना का पार्टी था, उधर उसका राष्ट्रपति का पॉलिटिकल कनेक्शन था। तो पहले पत्थर फेंका गया। गेस्ट हाउस में हमला हो गया। कम से कम 1000 आदमी लेकर, हम लोग कुल 37 भारतीय थे, उस गेस्ट हाउस में। उसमें पत्थर मारा और फिर हमला किया।”
एक और वर्कर विनोद ने कहा, “वहां (बांग्लादेश) की हालत अभी बहुत क्रिटिकल है। वहां तो पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। अभी थाने में आग लगा दी। एक भी पुलिस काम नहीं कर रही है, तो भी है जनता ही काम कर रही है।”
बांग्लादेश में शेख हसीना के सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उथल-पुथल मची हुई है। जगह-जगह तोड़फोड़, हिंसा, लूटपाट और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को फिलहाल अंतरिम सरकार चलाने के लिए चुना गया है।
इसके साथ ही वर्करों क कहना है कि “उधर माहौल तो अच्छा नहीं चल रहा है क्योंकि हम लोगों को जो गेस्ट हाउस में रखा था उसमें जो हसीना का पार्टी था, उधर उसका राष्ट्रपति का पॉलिटिकल कनेक्शन था। तो पहले पत्थर फेंका गया। गेस्ट हाउस में हमला हो गया। कम से कम 1000 आदमी लेकर, हम लोग कुल 37 भारतीय थे, उस गेस्ट हाउस में। उसमें पत्थर मारा और फिर हमला किया, वहां की हालत अभी बहुत क्रिटिकल है। वहां तो पुलिस भी सुरक्षित नहीं है, अभी थाने में आग लगा दी। एक भी पुलिस काम नहीं कर रही है, तो भी है जनता ही काम कर रही है।”