NCC camp: दिल्ली छावनी में गणतंत्र दिवस से पहले एनसीसी कैंप का ऑडिटोरियम कैडेटों से खचाखच भरा हुआ है। इसे ‘संगम’ नाम दिया गया है, क्योंकि ये न सिर्फ देश भर की संस्कृतियों का संगम है, बल्कि युवा भारत के सपनों और आकांक्षाओं का भी संगम है। 30 दिसंबर से शुरू ये एनसीसी कैंप एक महीने तक चलेगा। इसमें देश भर से कुल 2,361 एनसीसी कैडेट हिस्सा ले रहे हैं। इस सालाना कार्यक्रम में 917 महिला कैडेट भी शामिल है। महिला कैडेट का ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
कुल कैडेटों में से 114 जम्मू कश्मीर और लद्दाख से हैं और 178 पूर्वोत्तर राज्य से हैं। इस एनसीसी कैंप में देशभर से और अलग-अलग कोर निदेशालयों से चुने गए उम्मीदवारों में पटना की 14 साल की छात्रा श्रुति राय भी शामिल है। वे गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में आयोजित एनसीसी कैंप में ‘सर्वश्रेष्ठ कैडेट’ के खिताब के लिए किस्मत आजमा रही हैं। कैंप में कई तरह की प्रतियोगिताएं होंगी। इसमें पटना विज्ञान महाविद्यालय के जियोलॉजी डिपार्टमेंट की सेकंड ईयर की छात्रा और एनसीसी बिहार-झारखंड निदेशालय की वायु सेना विंग की कैडेट दर्शन राज परिधि भी हैं।
दर्शन राज इस कैंप को “कैडेटों का संगम” मानती हैं। वे बताती हैं कि सभी कैडेट जोश से भरे हुए हैं और उनके आंखों में हजारों सपने हैं। छह जनवरी को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने शिविर का दौरा किया और कैडेटों और एनसीसी अधिकारियों की सभा को संबोधित किया। इस दौरान देश भर से आए कैडेट ने सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी। जिसमें भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने का मौका मिला। अलग-अलग कैटेगरी में ‘सर्वश्रेष्ठ कैडेट’ का खिताब जितने वाले लड़के और लड़कियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मानित करेंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह, महानिदेशक, राष्ट्रीय कैडेट कोर “जम्मू कश्मीर में हमारा विस्तार पहले ही हो चुका है। पिछले साल हमने चार बटालियन बनाई थीं, हम पूरे देश में तीन लाख की संख्या में और विस्तार कर रहे हैं। 30,000 पायलट प्रोजेक्ट पहले ही चल रहे हैं। इस साल से हम नॉमिनेशन के लिए जा रहे हैं और ट्रेनिगं के लिए हम पूर्व सैनिको को भी काम पर रख रहे हैं।
पटना कैडेट श्रुति राय ने कहा कि “आरडीसी (रिपब्लिक डे कैंप) में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं। उदाहरण के लिए कर्तव्य पथ पीएम रैली, गार्ड ऑफ ऑनर, सांस्कृतिक। इसमें सर्वश्रेष्ठ कैडेट को चुना जाता है। सर,हमें आईजीसी (इंटर ग्रुप कॉम्पिटिशन) से सलेक्शन मिला है जिसमें हमारे पास एक ही है लेकिन मेरे पास कई तरह के समूह हैं और बिहार और झारखंड से हमारे पास छह समूह हैं, हर समूह से नौ सर्वश्रेष्ठ कैडेट वहां आए हैं और हमें आपस में मुकाबला करना है फिर उन छह समूहों में से नौ का चयन आरडीसी के लिए किया जाएगा।”
इसके साथ ही कैडेट दर्शन राज परिधि ने बताया कि “एनसीसी का मोटो एकता और अनुशासन है, इसलिए एक चीज जो एनसीसी हमें सिखाती है वे है एकता। हम सभी 17 निदेशालयों के साथ गणतंत्र दिवस शिविर में एक-दूसरे के साथ एकजुट होते हैं और एक-दूसरे से घुलते-मिलते हैं। निश्चित रूप से ये एक संगम है और हमारी भारतीय संस्कृति की मूल रेखा भी है जो वसुधैव कुटुम्बकम है, हमारे आरडीसी में हम दूसरे देशों की भावना को अपने देश की भावना के रूप में महसूस कर रहे हैं, इसलिए ये भी अलग-अलग देशों का संगम है।”