Mock Drill: जानिए क्या होती है मॉक ड्रिल और क्या है इसका महत्व

Mock Drill: भारत सरकार 7 मई 2025 को पूरे देश में एक मॉक ड्रिल यानी आपदा अभ्यास करने जा रही है। इस अभ्यास का मकसद यह देखना है कि अगर कोई आपातकालीन स्थिति आती है, जैसे कि भूकंप, आग, बाढ़ या कोई और हादसा, तो लोग और सरकारी एजेंसियां कैसे और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देती हैं। इससे यह भी जाना जाएगा कि क्या सभी विभाग मिलकर ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। यह मॉक ड्रिल पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में की जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस, अस्पताल, स्कूल, दफ्तर और कारखाने जैसे कई जगहों के लोग हिस्सा लेंगे।

पिछले सप्ताह जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकवादी हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया है। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक-दूसरे के हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है, व्यापार निलंबित कर दिया है, और सीमा पर गोलीबारी की घटनाएँ बढ़ गई हैं।

7 मई को आयोजित होने वाली यह मॉक ड्रिल नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे लोगों को सिखाया जाएगा कि खतरे के समय कैसे सुरक्षित रहना है। सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल यानी समन्वय बेहतर होता है। यह अभ्यास कमजोरियों को पहचानने और उन्हें सुधारने का मौका देता है। इससे लोगों में आत्मविश्वास बढ़ता है और डर कम होता है। सूत्रों ने बताया कि ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है।

पहले कब हुई थी मॉक ड्रिल?

भारत में इससे पहले ‘भारत-पाकिस्तान के 1971 के युद्ध’ के समय मॉक ड्रिलिंग की गई थी। अब 54 साल बाद फिर पाकिस्तान के साथ बने युद्ध जैसे हालातों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने मॉक ड्रिलिंग के आदेश दिए गए हैं। मॉक ड्रिल को शुरू करने के लिए पहले तय समय पर सायरन बजाया जाता है या फिर लोगों को चेतावनी दी जाती है। बताया जाता है कि आग लगी है, बम की सूचना है या फिर भूकंप आया है। उसके बाद फायर ब्रिगेड, NDRF, पुलिस और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंचती हैं, सभी को जल्दी और सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया से अंदाजा लगाया जाता है कि कितना समय लगा और क्या कमियां या गलतियां रहीं, जिन्हें भविष्य में बेहतर किया जा सकता है।

7 मई 2025 को मॉक ड्रिल क्यों?

पीएम मोदी ने अपराधियों और साजिश में शामिल लोगों को “दुनिया के अंत तक” खदेड़ने और उन्हें “उनकी कल्पना से परे” सजा देने की कसम खाई है। यह अभ्यास इसलिए किया जा रहा है ताकि सरकार यह जान सके कि आपदा के समय तैयारियां कैसी हैं। सभी कर्मचारियों और एजेंसियों को अभ्यास मिल सके। अगर कोई कमी हो तो उसे पहले ही ठीक किया जा सके। इस मॉक ड्रिल से देश की आपदा से निपटने की क्षमता मजबूत होगी और भविष्य में जनहानि और नुकसान को कम किया जा सकेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *